Uttar Pradesh Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक बड़ी खबर सामने आई, जिसके बारे में सुनकर लोग हैरान रह गए। खबर थी श्मशान घाट के अंदर बन रहे पानी की टंकी की शटरिंग के टूटने की वजह से 8 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायल मजदूरों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां एक मजदूर की हालत गंभीर बनी हुई है।
4 साल पहले हुआ था बड़ा हादसा
पूरा मामला गाजियाबाद जिले के मुरादनगर थाना क्षेत्र के उखलासरी गांव का है। यह गांव का वही श्मशान घाट है, जहां पर आज से लगभग 4 साल पहले एक निर्माणाधीन लेंटर गिरने से दो दर्जन लोगों की जान चली गई थी। हादसा बेहद ही खतरनाक था। हादसे के बाद जैसे जैसे समय बीता तो अपनों को खोने वालों का गम भर रहा था कि एक बार फिर मुरादनगर के उसी श्मशान घाट पर पानी की टंकी की शटरिंग गिरने की खबर सामने आ गई। इसके बाद हर किसी के जहन में एक ही सवाल गूंज रहा है कि आखिरकार एक बार फिर मुरादनगर के इसी श्मशान घाट पर इतनी लापरवाही कैसे हो सकती है? बताया जा रहा है कि यह पानी की टंकी जल जीवन निगम के मिशन के तौर पर बनाई जा रही थी।
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8 में से एक मजदूर की हालत गंभीर
घटना रविवार सुबह तकरीबन 9 बजे हुई। जिस दौरान पुलिस को डायल 112 पर फोन कर मजदूरों ने हादसा होने की जानकारी दी। इसके बाद मौके पर स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एनडीआरफ की टीम भी पहुंची। गनीमत रही कि जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर शटरिंग के मलबे से निकालकर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां सात मजदूरों की जान तो बच गई, लेकिन एक मजदूर अभी भी जिंदगी और मौत के बीच खड़ा है। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की हेड इंजरी के चलते ज्यादा तबीयत खराब है। अभी कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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क्या निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार एक बड़ी वजह है?
गौरतलब है कि गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके में लगातार विकास के कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन जब इस तरह के हादसे होते हैं तो कहीं न कहीं विकास के इन कार्यों में भ्रष्टाचार की बू नजर आती है। इस हादसे के बाद एक बार फिर मजदूरों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों पर सवाल खड़ा होता है। आखिरकार जब मजदूरों के काम करने के दौरान तमाम सुरक्षा के इंतजाम कागजों में दिखाई देते हैं तो वह इंतजाम धरातल पर क्यों दिखाई नहीं देते हैं? क्या वाकई निर्माण के कार्यों में मजदूरों के सुरक्षा नियमों में सेंध लगाने के लिए भ्रष्टाचार एक बड़ी वजह है? यह हादसा एक बार फिर कई सवाल छोड़ गया है, लेकिन इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी जिम्मेदार अधिकारी के शायद ही होगा।