Ghaziabad News: 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर गाजियाबाद में अधिकारियों का बैठकों का दौर जारी है। इसी को लेकर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे रविन्द्र गौड़ और जिलाधिकारी दीपक मीणा ने पुलिस लाइन में सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों से कांवड़ यात्रा को लेकर सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी और की जा रही तैयारियों को लेकर चर्चा की। इस दौरान अधिकारियों ने पूरे कांवड़ मार्ग को गड्ढा मुक्त करने, प्रकाश की उचित व्यवस्था करने, पेयजल की व्यवस्था करने, हेल्थ संबंधित व्यवस्था करने, मोबाइल टायलेट आदि सभी सुविधाओं के बारे मे जानकारी ली। बैठक में दोनों अधिकारियों ने कांवड़ यात्रा संबंधित सभी कार्यो की प्रगति रिपोर्ट को चार दिनों में प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। इसके अलावा कांवड़ यात्रा की निगरानी करने और यात्रा को सुरक्षित सपन्न कराने के लिए कांवड़ मार्ग चार सुपर जोन और 108 सब सेक्टर बनाए गए है।
141 प्रशासनिक अधिकारियों को दी जिम्मेदारी
गाजियाबाद जिले में कांवड़ मार्ग मोदीनगर से लेकर यूपी बोर्डर तक रहता है। 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा की पूरी व्यवस्था संभालने के लिए 141 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। गाजियाबाद से हर वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में कांवड़िए गुजरते है। इस वर्ष गाजियाबाद में कांवड़ मार्ग को चार सुपर जोन बनाए गए है। जिनमें से प्रतिएक में एक एडीएम स्तर के अधिकारी को सुपर जोनल मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात किया गया है। इसके अलावा 12 जोनल मजिस्ट्रेटों की भी तैनाती की जाएगी। वहीं 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 108 सब सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती भी कांवड़ यात्रा को लेकर की जाएगी।
शराब की दुकाने की जाएंगी शिफ्ट
कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग पर पड़ने वाली शराब की दुकानों के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए है। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली शराब की दुकानों को अस्थाई रूप से अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही शराब की दुकानों को टेंट आदि से पूरी तरह से कवर करने के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा कांवड़ मार्ग पर सभी मीट की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए है। वहीं कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रात के समय पुलिसकर्मी मार्ग से गुजरने वाले हर वाहन चालक की एल्कोमीटर से जांच करेंगे। वहीं कांवड़ मार्ग पर सभी दुकानदारों को अपनी दुकानों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया है और दुकानदारों को उचित मूल्य पर सामान बेचने के निर्देश दिए गए हैं।