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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

गाजियाबाद के 4.50 लाख लोगों को बड़ी राहत, नहीं देना होगा बढ़ा हुआ हाऊस टैक्स

Ghaziabad News: गाजियाबाद में बढ़े हुए हाऊस टैक्स को लेकर काफी हंगामा और विरोध चल रहा था। जिसके बाद सोमवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में भी पार्षदों ने इसे वापस लेने की मांग की थी। जिसके बाद नगर निगम बैकफुट पर आ गया है। जिसका सीधा फायदा शहर के लगभग 4.50 लाख से अधिक लोगों को होगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : sachin ahlawat Updated: Jul 1, 2025 19:27
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गाजियाबाद नगर निगम

Ghaziabad News: गाजियाबाद में बढ़े हुए हाऊस टैक्स को लेकर काफी हंगामा और विरोध चल रहा था। जिसके बाद सोमवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में भी पार्षदों ने काफी हंगामा किया था और बढ़े हुए हाऊस टैक्स को वापस लेने की मांग की थी। जिसके बाद नगर निगम बैकफुट पर आ गया है। फिलहाल बढ़ाई गई नई दरों के हिसाब से हाऊस टैक्स नहीं देना होगा। जिसका सीधा फायदा शहर के लगभग 4.50 लाख से अधिक लोगों को होगा।

क्या थी बढ़ाई गई नई दरें

गाजियाबाद नगर निगम द्वारा वर्ष 2024 वित्त वर्ष में 12 मीटर सड़क की चौड़ाई पर कवर्ड रेट 96 पैसे था और कारपेट रेट पैसे था। इसके अलावा 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क पर कवर्ड रेट पैसे और कारपेट दरें 2 रुपये थी। वहीं 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर कवर्ड दरें 1.45 पैसे और कारपेट दरें 2.41 पैसे थी। इसके बाद नगर निगम द्वारा बढ़ाई गई नई दरों के हिसाब से रेट बढ़ाएं गए। जिसके बाद 12 मीटर सड़क की चौड़ाई पर कवर्ड रेट 3.50 पैसे हो गया था। इसके अलावा 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क पर कवर्ड रेट 3.75 पैसे और 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर कवर्ड दरें 4 रुपये हो गई थी। जिसका सीधा असर शहर के 4.50 लाख से अधिक करदाताओं की जेब पर पड़ा था। सोमवार को हुए हंगामे के बाद यह बढ़ी दरें वापस ले ली गई है। अब करदाताओं को पुराने टैक्स स्लैब की दरों से ही हाऊस टैक्स देना होगा।

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इंदिरापुरम के अनुरक्षण शुल्क में 20 से 30 प्रतिशत कमी

गाजियाबाद नगर निगम द्वारा इंदिरापुरम के लाखों लोगों को राहत दी है। दरअसल, जीडीए से हैंडओवर लेने के बाद नगर निगम द्वारा ही इंदिरापुरम की देखरेख करने के लिए लोगों से अनुरक्षण शुल्क लिया जाता है। इंदिरापुरम के जो लोग गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को अनुरक्षण शुल्क के रूप में टैक्स दे रहे थे, उन्हे राहत देते हुए इस टैक्स में 20 से 30 प्रतिशत की कमी की गई है। नगर निगम का कहना है कि कम टैक्स लेने के बाद भी निगम द्वारा लोगों को बेहतर सुविधा दी जाएगी। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि यदि निगम का कोई कर्मचारी पूर्वनिर्धारित अनुरक्षण शुल्क वसूल करता है तो इसकी शिकायत मुख्य कर निर्धारण अधिकारी से कर सकतें है।

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First published on: Jul 01, 2025 07:27 PM

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