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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

यूपी में कच्चे तेल का खजाना मिलने के क्या मायने? 5 पाइंट में जानें भारत पर असर

भारत में उत्तर प्रदेश के बलिया में अंडरग्राउंड तेल का खजाना निकल आया है। सवाल यही पूछा जा रहा है कि अगर यूपी में ऐसा निकला है तो कहीं जो भारत खाड़ी देशों के साथ तेल की डील करता है, अब उस पर खतरा तो नहीं है कहीं वो रुक तो नहीं जाएगी और इससे जनता को फायदा होगा कि नुकसान।

Author Edited By : Vijay Updated: Mar 31, 2025 10:57
UP Ballia Oil Reserve

उत्तरप्रदेश में बलिया जिले में क्रूड ऑयल का मिलना भारत के लिए क्यों अच्छी बात है? इससे कैसे बदल सकती है देश की पूरी तस्वीर। बलिया जिले के सागरपल्ली गांव में क्रूड ऑयल का भंडार होने की पुष्टि हो चुकी है। इस क्षेत्र में ओएनजीसी ने खुदाई भी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि यहां पर ओएनजीसी की टीम पिछले 3 महीने से सर्वे कर रही थी। स्वतंत्रता सेनानी चिटू पांडे की जमीन पर खुदाई होने वाली है।अब देखिए लार्ज स्केल ड्रिलिंग होगी, लैंड एक्विजिशंस होंगे यानी उधर आसपास जितनी भी किसानों की जमीन है सरकार उनको खरीदेगी या लीज़ पर लेगी।

300 किलोमीटर का इलाका

सागरपल्ली से लेकर प्रयागराज तक 300 किलोमीटर की पूरी बेल्ट है, जहां पर क्रूड ऑयल का एस्टीमेट पाया गया है। नक्शे पे बलिया से लेकर वाराणसी का पूरा एरिया है इसमें खुदाई होगी। प्रयागराज वाराणसी बलिया में अब जमीन की कीमतें बढ़ने वाली हैं। यहां पर ड्रिलिंग शुरू होगी। 3 महीने के सर्वे के बाद ओएनजीसी को यह पता चला है गंगा बेसिन के आसपास कि यहां पर क्रूड ऑयल है, यहां से 3 कि.मी नीचे है यानी 3000 मीटर्स नीचे है। चिट्टू पांडे की जमीन पर ये खुदाई का काम शुरू होगा और ओएनजीसी ने वहां पर 6.5 एकड़ जमीन 3 साल के लिए लीज़ पर ले ली है और हर साल इन लोगों को यानी सरकार को ₹1 लाख रेंट देना होगा।

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25,000 लीटर पानी हर रोज इस्तेमाल

अब ये जो ड्रिलिंग एफर्ट्स हैं वो शुरू हो जाएंगे लेकिन आपको पता है कि इसमें 25,000 लीटर पानी हर रोज इस्तेमाल होगा और देखिए वो जो गंगा बेसिन का इलाका है थोड़ा सेंसिटिव इलाका है तो इससे यह एक डिसएडवांटेज भी है कि आप इतना ज्यादा रिसोर्सेज का इस्तेमाल करोगे और कहा जा रहा है अप्रैल 2025 तक यह खुदाई का काम खत्म हो जाएगा और ज्यादा 300 कि.मी में ये पूरे के पूरे वेल्स खोदे जाएंगे। इंडिया जो है वो दुनिया का थर्ड लार्जेस्ट ऑयल कंज्यूमर है और अगर आप देखते हैं 89.4% क्रूड ऑयल तो हम बाहर से मंगाते हैं। रशिया से 36% आता है। 2024 से हमारा क्रूड ऑयल इराक से आता है, सऊदी अरेबिया से आता है, यूनाइटेड अरब अमीरात से आता है। हम लोग ज्यादातर एक्सपोर्ट करते हैं क्रूड ऑयल और हमारा खुद का प्रोडक्शन कम है ।

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आसपास की जमीन की कीमत बढ़ेगी

इससे आसपास की जमीन की कीमत बढ़ जाएगी, किसानों को फायदा होगा, इससे नौकरी बढ़ेगी क्योंकि इतना बड़ा आप प्रोजेक्ट चला रहे हो तो आपको लेबर की जरूरत पड़ेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा चाहे आप रोड कनेक्टिविटी ले लीजिए चाहे वाटर ले लीजिए इलेक्ट्रिसिटी ले लीजिए यानी एक तरीके से उस पूरे एरिया का विकास होगा। एडवांस टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ेगी। आपको आप इतना बड़ा प्रोजेक्ट चलाओगे तो वो ड्रिल करने के लिए 3 कि.मी अंदर तक आपको एडवांस टेक्नोलॉजी चाहिए।

अगर ऑयल लीक हो गया बढ़ेगा प्रदूषण

इतना बड़ा अगर प्रोजेक्ट चलेगा वो 300 कि.मी में अगर उधर ऑयल है सच में अभी तो एस्टीमेट किया गया अभी एक्सप्लोरेशन करना बाकी है और अगर वो ऑयल लीक होकर गंगा नदी में चला गया यानी नदी के पानी में चला गया तो फिर प्रदूषण फैलेगा क्योंकि आपको पता है नदी का पानी किसान भी इस्तेमाल करते हैं खेती के लिए लोग उसमें बहुत सी चीजें मैं आपको बता दूं कि वहां से पूरा जो हैबिटेट है गंगा नदी के आसपास वो प्रभावित हो सकता है खेती में दिक्कत होगी वायु और नॉइस प्रदूषण ये भी होगा तो ये डिसएडवांटेजेस भी है।

भारत की तस्वीर कैसे बदलने वाली है

आपके पास अभी तो एस्टीमेटेड है और अगर सच सच में इतना ज्यादा वहां पर क्रूड ऑयल मिल जाता है तो भारत की बारगेनिंग पावर बढ़ेगी एनवायरमेंट को हालांकि नुकसान हो सकता है जैसे कि ये जो गंगा बेसिन का इलाका है वो बड़ा सेंसिटिव है। नदी के आसपास का इलाका अब आप पानी भी बंपर इस्तेमाल करने वाले हो तो आपको ऐसा कोई तरीका अपनाना होगा जिसमें एनवायरमेंट भी खराब ना हो और आपका काम भी हो जाए अच्छा एक और चीज देखिए कि एक्सप्लोरेशन बढ़ेगा क्योंकि भारत के लिए कहा जाता है ना कि हमारे पास बहुत ज्यादा क्रूड ऑयल हो सकता है लेकिन अभी तक एक्सप्लोरेशन ज्यादा नहीं हुआ है इन्वेस्टमेंट ज्यादा नहीं हुआ है और अगर आप एक साल की बात करते हैं ये पूरे 300 कि.मी बेल्ट में फुल स्केल प्रोडक्शन हो सकता है और यहां पर हर किसी के लिए बेहतर है सिर्फ यूपी के लिए नहीं देश के लिए नहीं देखिए बिहार झारखंड बंगाल बंगाल में भी आपकी खोज हो सकती है।

अप्रैल के अंत तक मिलेंगे सवालों के जवाब

आपके मेजर ऑयल फील्ड्स महाराष्ट्र में हैं, आंध्र प्रदेश में हैं, तमिलनाडु में हैं, असम में हैं, गुजरात में हैं, राजस्थान में हैं, सबसे बड़ा कौन सा है मुंबई ऑफ शोर बेसिन तो इसी तरीके से अगर तेल के मामले में हम आगे बढ़ते हैं तो देश का विकास होगा अब आप देखिए कि हमारे तेल व्यापार में अभी भी भारत पीछे क्यों है तो दो तरीके के रिजर्व्स होते हैं एक तो प्रूव्ड रिजर्व होता है जिसको हम कमर्शियल पर्पस के लिए यूज़ करते हैं। हमें पता है कि यहां पर इतना सारा ऑयल है क्रूड ऑयल है और हम उसको सालाना या मंथली बेसिस पे कितना उससे निकाल सकते हैं क्या ये सब कुछ कैलकुलेटेड होता है लेकिन एक होता है एस्टीमेटेड रिजर्व जैसे कि यह बलिया वाला केस है हमें पता है कि उधर बहुत ज्यादा है। 3 महीने सर्वे करके हमने पता लगा लिया है लेकिन अभी तक फुल्ली एक्सप्लर्ड नहीं है कि वहां से क्या निकलता है कितना निकलता है वो सब आगे होगा और देखिए अप्रैल के अंत तक शायद हमें इसका जवाब मिल जाए।

भारत के चार बड़े बेसिन अभी एक्सप्लोर नहीं

भारत के चार बड़े बेसिन महानदी अंडमान बंगाल केरला कोंकण यह सारे वो बेसिंस हैं जिसको अभी भी हम अच्छी तरह एक्सप्लोर नहीं कर पाए और अगर हम करते हैं तो क्या होगा अगर हम करते हैं तो कहा जाता है 22 बिलियन बैरल्स ऑयल होने की संभावना है इन बेसिन में और इसकी कीमत सुनेंगे आप कि अगर इतना तेल मिल जाता है तो इसकी कीमत क्या होगी 138 लाख करोड़ या बहुत बड़ा अमाउंट है यह लेकिन इन्वेस्टमेंट रिसोर्सेज और आपके पास कितना बजट है ये सब कुछ करने के लिए बहुत सी चीजें लेकिन अब देखिए यूपी के लिए बहुत बड़ी बात है यह काम आगे बढ़ता है सक्सेसफुल होता है तो सिर्फ यूपी का विकास नहीं होगा भारत का विकास होगा।

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Edited By

Vijay

First published on: Mar 31, 2025 10:57 AM

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