Gorakhpur News: कैंट थाने से लेकर चारूचंद्रपुरी के गेट तक नगर निगम की दुकानें हैं। इन दुकानों को 1992 में आवंटित किया गया था। दुकानों को खाली करने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी किया। गोरखपुर में पैडलेगंज चौराहे से फिराक गोरखपुरी चौराहे तक कसया रोड चौड़ीकरण के लिए नगर निगम की 19 दुकानों पर बुलडोजर चलेगा। दुकानों को खाली करने के लिए नगर निगम ने 11 सितंबर को आवंटियों को नोटिस जारी किया था। 18 सितंबर को एक सप्ताह की अवधि खत्म हो जाएगी। नोटिस में दी गई अवधि में दुकानों को खाली न करने पर ध्वस्तीकरण शुरू किया जाएगा। इसे लेकर शनिवार को एनाउंसमेंट कर दुकानदारों को हिदायत भी दी गई।
दुकान मालिकों को दी नोटिस
आवंटित की गई दुकानों में से ज्ञान प्रकाश शाही, भानू प्रताप शाही की तीन दुकानें, अजय कुमार, संजय कुमार, डॉ. विजाहत करीम, शगुफ्ता जहां, रामलखन तिवारी, बासुकीनाथ के नाम तीन दुकानें है, देवेंद्र देव पांडेय, संदीप श्रीवास्तव, पंकज पांडेय, बृजेश कुमार शुक्ला, अवधराजी देवी, शशि प्रभा राय, शाकिर खान व मालती देवी के नाम आवंटित हैं। इन सभी को नोटिस दिया गया।
सीएम योगी को पत्र लिख बताई अपनी मांग
दुकानों पर बुलडोजर चलाए जाने के निर्णय से दुकान मालिकों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। सभी आवंटियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर गुहार लगाने का निर्णय लिया है। आवंटियों ने शनिवार को पत्र लिख कर मांग की, कि दुकानों के पीछे ही नगर निगम की 5000 वर्ग फीट जमीन उपलब्ध है। उसी जमीन पर निगम दुकानों का निर्माण करा सभी आवंटियों को दुकान उपलब्ध कराएं। ताकि जीवन सुचारु रूप से हो सके।
उत्सव ट्रेवल के संचालक वासुकीनाथ वैश्य ने कहा कि 1992 में नगर निगम दुकानें आवंटित की थी। ऐसे में तोड़ दिए जाने के बाद उन लोगों की रोजी रोटी छिन जाएगी। 5000 वर्गफीट खाली पड़ी हुई है। खाली जमीन पर नगर निगम दुकानें नहीं बनवा सकता तो आवंटी खुद दुकानें बना लेगे। नियमानुसार जो भी शुल्क होगा उसे दिया जाएगा।
आवंटियों का कहना है, कि दुकानों को खाली कराने में नगर निगम एग्रीमेंट का उल्लंघन कर रहे है। एग्रीमेंट के मुताबिक दुकान खाली करने के लिए कम से कम एक महिने का समय दिया जाना चाहिए। लेकिन 11 सितम्बर को दी गई नोटिस में दुकान को खाली करने के लिए सिर्फ सात दिन का समय दिया है।
आवंटियों को सता रहा ध्वस्तीकरण का डर
चारुचंद्रपुरी स्थित दुकानों के आवंटियों में ध्वस्तीकरण का खौफ इस कदर है कि खुद दुकानें तुड़वाने में लगे हैं। रविवार को विश्वकर्मा जयंती है, इसलिए कामगार नहीं मिलेंगे लिहाजा शनिवार की शाम भी दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई जारी है।