Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बन रहे बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के लिए हो रहे जमीनों के सर्वे का काम अगले महीने सितंबर में पूरा हो जाएगी। 90 फीसद काम लगभग पूरा हो गया है। सितंबर में सर्वे का काम पूरा होने के बाद ग्रामीणों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ग्रामीणों की मांग है कि उनको आस-पास ही बसाया जाए। दूर दराज जाने से उनका आम जीवन प्रभावित होगा।
13 प्लेटफार्म और 70 ट्रेन
बोड़ाकी रेलवे स्टेशन इंटरनेशनल लेवल का होगा। यह एक ऐसा हब होगा जहां से ट्रेन, बस व मेट्रो तीनों की सुविधा एक साथ मिलेगी। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को बोड़ाकी टर्मिनल के नाम से भी जाना जाएगा। जिले के 35 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में पूर्वाेत्तर के राज्यों की तरफ जाने वाले लोगों को ट्रेन व बस पकड़ने के लिए दिल्ली या फिर गाजियाबाद जाना पड़ता है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में किसी भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं है।
आपत्ति का होगा निस्तारण
सर्वे पूरा होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा किसानों की आपत्ति को सुना जाएगा। किसानों की आपत्ति का निस्तारण करने के लिए विशेष टीम का गठन किया जाएगा। वर्तमान में सर्वे के दौरान जिला प्रशासन की टीम ग्रामीणों से वार्ता भी कर रही है जिससे कि किसी तरीके का कोई अवरोध उत्पन्न न हो।
मल्टी माॅडल ट्रांसपोर्ट हब बनेगा
बोड़ाकी रेलवे स्टेशन बनने के लिए यह एक तरीके से मल्टी माॅल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। यहां की रेलवे लाइन को आने वाले दिनों में और विस्तार दिया जाएगा जिससे कि इस ट्रांसपोर्ट हब का दायरा बढ़ाया जा सके। रेलवे के अधिकारी खुद मौका मुआयना करके इसके लिए जमीन अधिग्रहण करेंगे।
खत्म हो जाएगा गांवों का अस्तित्व
बोड़ाकी रेलवे स्टेशन बनने के बाद बोड़ाकी, पल्ला समेत कुछ अन्य गांवों का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। यह गांव सिर्फ कागजों में रह जाएंगे। हालांकि बोड़ाकी टर्मिनल के लिए तिलपता करनवास, पाली, चमरावली रामगढ़ के किसानों की जमीन का भी अधिग्रहण किया जा रहा है।