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राम मंदिर में 20 सेकंड ही होंगे रामलला के दर्शन, कैंपस में रुकने का भी समय किया फिक्स

Ayodhya Ram Mandir Ramlala Darshan: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भव्य उद्घाटन जनवरी 2024 के आखिरी सप्ताह में तय किया गया है। इसको लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच मंदिर निर्माण समिति के अध्य नृपेंद्र मिश्रा ने टीओआई को दिए एक इंटरव्यू में कई बड़ी बातों का […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 31, 2024 21:02
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Ayodhya Ram Mandir Ramlala Darshan: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भव्य उद्घाटन जनवरी 2024 के आखिरी सप्ताह में तय किया गया है। इसको लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच मंदिर निर्माण समिति के अध्य नृपेंद्र मिश्रा ने टीओआई को दिए एक इंटरव्यू में कई बड़ी बातों का खुलासा किया है। पीएम नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे क्षेत्र के लिए सुरक्षा का खाका पहले ही तैयार किया जा चुका है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं।

अलग-अलग की गई है व्यवस्था

उन्होंने कहा कि 50 हजार से 1 लाख, 5 लाख और 10 लाख श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 20 सेकंड मिलेंगे, जबकि मंदिर परिसर में रहने के लिए करीब एक घंटे का समय मिलेगा।

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नृपेंद्र मिश्रा ने टीओआई को बताया कि राम मंदिर निर्माण की पहली समय सीमा दिसंबर 2023 है जब तक भूतल तैयार हो जाएगा। यहां पर राम लला स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर करीब तीन एकड़ भूमि पर है और जब परकोटा (परिक्रमा भूमि) को जोड़ा जाए तो ये आठ एकड़ का क्षेत्र हो जाता है। इसके अलावा श्रद्धालु 71 एकड़ के शेष क्षेत्र में भी पहुंचेंगे।

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पीएम मोदी को भेजा गया है न्योता

उन्होंने बताया कि मंदिर ट्रस्ट जनवरी 2024 के आखिरी सप्ताह में तारीख तय करेगा, जब तक रामलला को नए मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजा गया है। उनकी ओर से एक तारीख देने की संभावना है।

मंदिर परिसर की सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताते हुए नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा मंदिर की एक और स्तर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। ताकि वे गौर करें। पूरे इलाके की सुरक्षा का खाका पहले ही तैयार कर लिया गया है। उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी खास व्यवस्था की गई है।

मंदिर निर्माण में इन्होंने किया काम

निर्माण की गुणवत्ता और इसमें शामिल टेक्नोलॉजी के बारे में उन्होंने बताया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पूर्व प्रमुख ने कहा कि भारत में कुछ प्राचीन मंदिर दो सहस्राब्दी से ज्यादा पुराने हैं, लेकिन इनके निर्माण में शामिल टेक्नोलॉली का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। हमने इस मामले को अपने साझेदारों के पास भेज दिया। आईआईटी कानपुर मंदिर की इंजीनियरिंग पर काम कर रहा है। आईआईटी चेन्नई मुख्य रूप से नींव, बेड़ा और चबूतरे पर काम कर रहा है। इसी तरह सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) ने भूकंप और अन्य प्राकृतिक चुनौतियों के संदर्भ में पत्थरों की स्थिरता पर काम किया हैं।

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(saraogihospital.com)

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Edited By

Naresh Chaudhary

Edited By

rahul solanki

First published on: Aug 28, 2023 06:48 PM

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