Atiq Ashraf Murder: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। विपक्षियों पार्टियों के नेता प्रदेश की सरकार को घेरते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस घटना के बाद सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि देश भर से वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
जीतन राम मांझी बोले- बिहार में कानून-व्यवस्था अच्छी
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा है कि खानून-व्यवस्था की बात करें तो उत्तर प्रदेश के मुकाबले बिहार में कानून-व्यवस्था अच्छी है। वहां (प्रयागराज) कोई व्यक्ति अस्पताल ले जाया जा रहा है और उसे गोली मारी जाती है। पत्रकार बनकर आए लोगों के पास हथियार थे और उन्होंने हमला कर दिया। मांझी ने कहा कि इसे अकस्मात नहीं कहा जा सकता है, यह प्लानिंग के तहत है। इसकी जांच होनी चाहिए।
#WATCH क़ानून-व्यवस्था की बात करें तो उत्तर प्रदेश के मुकाबले बिहार में क़ानून-व्यवस्था अच्छी है। वहां कोई व्यक्ति अस्पताल जा रहा है और पास आकर गोली मारी जाती है। पत्रकार का रूप लेकर यह हुआ और पता नहीं कि आप लोग हथियार रखें हैं या नहीं… आप लोग भी कुछ कर सकते हैं वैसा… यह सारी… pic.twitter.com/F05YwSuKNq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
---विज्ञापन---
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने किया ट्वीट
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘समाज में किसी को डराने और धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाजी करता है, तो अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है। किसी भी मुजरिम को सख्त से सख्त सजा मिले, इसके लिए देश में अदालतें हैं। कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है।’
सपा के रामगोपाल और रविदास मेहरोत्रा ने योगी सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि इतने मामले बताए गए, लेकिन किसी में भी अतीक अहमद दोषसिद्ध नहीं हुआ। फर्जी मुकदमे रोज लोगों के खिलाफ लिखाए जाते हैं। अतीक अहमद 1989, 1991, 1993, 1995 से विधायक और 14वीं लोकसभा में फूलपुर से सांसद हुए। ऐसा तो था नहीं कि सभी गुंड़ा बदमाश चुनाव जीत जाते हैं। वह रिकॉर्ड 3 बार निर्दलीय भी चुनाव जीते।
इतने मामले बताए गए लेकिन किसी में भी अतीक अहमद दोषसिद्ध नहीं हुआ। फर्ज़ी मुकदमे रोज़ लोगों के ख़िलाफ़ लिखाए जाते हैं। अतीक अहमद 1989, 1991, 1993, 1995 से विधायक और 14वीं लोकसभा में फूलपुर से सांसद हुए। ऐसा तो था नहीं कि सभी गुंड़ा बदमाश चुनाव जीत जाते हैं। वह रिकॉर्ड 3 बार… pic.twitter.com/vRLUpvNiKO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
रामगोपाल यादव ने कहा कि मीडिया ने उन्हें गैंगस्टर बना दिया। कभी-कभी कुछ घटनाएं हो जाती हैं, बड़े-बड़े लोगों से हो जाती है। यहां ऐसे बड़े-बड़े पदों पर लोग बैठे हैं, जिन्होंने बम फेंककर 10-15 लोगों को मरवा दिया, तब कोई नहीं कहता गैंगस्टर है। वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि पुलिस सुरक्षा में दो लोगों की हत्या से यह स्पष्ट है कि प्रदेश में गुंडा, माफिया और जंगलराज कायम हो गया है। प्रदेश में अपराधी भयमुक्त हो गए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री को अब ऐसे हालात में सत्ता में नहीं रहने का अधिकार है।
#WATCH पुलिस की सुरक्षा में दो लोगों की हत्या से यह स्पष्ट है कि प्रदेश में गुंडा, माफिया और जंगलराज कायम हो गया है। प्रदेश में अपराधी भयमुक्त हो गए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री को अब ऐसे हालात में सत्ता में नहीं रहने का अधिकार है: अतीक और अशरफ की हत्या पर रविदास मेहरोत्रा,… pic.twitter.com/tQYMeem9NW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
कपिल सिब्बल बोले- असद को मारने की क्या जरूरत
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी इस घटनाक्रम पर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि असद 19 वर्ष का था। अगर सुरक्षा के मद्देनजर उससे खतरा था तो आप पहले उसे पकड़ते, उसके पैर में गोली मारते और उस पर मुकदमा चलाते, आपको उसे मारने की क्या ज़रूरत थी?
#WATCH … असद जोकि 19 वर्ष का था अगर सुरक्षा के मद्देनज़र उससे आपको ख़तरा था तो आप पहले उसे पकड़ते, उसके पैर में गोली मारते और उस पर मुकदमा चलाते, आपको उसे मारने की क्या ज़रूरत थी?: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल pic.twitter.com/fhVeO8cDZM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
ममता बनर्जी ने उठाए सवाल
उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवार खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि मैं उत्तर प्रदेश में अराजकता और कानून व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने से स्तब्ध हूं। यह शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की मौजूदगी से बेफिक्र होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। इस तरह के गैरकानूनी कृत्यों के लिए हमारे यहां कोई जगह नहीं है।
#WATCH पुलिस को जितनी मुस्तैदी के साथ काम करना था उन्होंने किया, अतीक और अशरफ को बचाने की कोशिश पुलिस ने जान पर खेल कर की। मीडिया के लोगों को भी बचाने का प्रयास हुआ। 3 हमलावरों को गिरफ़्तार किया गया। यह हमला अचानक हुआ था, पुलिस पर सवाल उठाना मुनासिब नहीं है। जो इस परिस्थिति में… pic.twitter.com/uGwPBxR2DG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
भाजपा विधायक बोले- पुलिस ने स्थिति को देखते हुए बेहतर किया
उधर भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस को जितनी मुस्तैदी के साथ काम करना था उन्होंने किया। अतीक और अशरफ को बचाने की कोशिश में पुलिस अपनी जान पर खेल गई। मीडिया के लोगों को भी बचाने का प्रयास हुआ। 3 हमलावरों को गिरफ्तार किया गया। यह हमला अचानक हुआ था, पुलिस पर सवाल उठाना मुनासिब नहीं है। जो इस परिस्थिति में बेहतर हो सकता था पुलिस ने वह किया।