Atiq Ashraf Murder: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को आज एक महीना पूरा हो गया है।
पिछले माह 15 अप्रैल को प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए ले जाते समय तीन बदमाशों ने फायरिंग करके अतीक और अशरफ की हत्या कर दी थी। मामले में राज्य सरकार की ओर से न्यायिक आयोग और पुलिस की ओर से एसआईटी का गठन किया गया था। दोनों की जांच जारी है।
जानें क्या था पूरा मामला?
इस कहानी की शुरुआत वैसे तो कई दशक पुरानी है, लेकिन मामला उस वक्त खास सुर्खियों में आया जब 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की दिन दहाड़े गोलियां-बम बरसा कर हत्या कर दी गई। इस मामले में माफिया अतीक अहमद समेत उसके पूरे कुनबे और गुर्गों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
इन आरोपियों को पुलिस ने किया ढेर
28 फरवरी और फिर 6 मार्च को पुलिस ने दो एनकाउंटर किए। इनमें अरबाज और उस्मान चौधरी को मार गिराया। इसके बाद 13 अप्रैल को पुलिस और एसटीएफ ने झांसी में मध्यप्रदेश की सीमा के पास अतीक के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इस वक्त अतीक और अशरफ प्रयागराज में पुलिस रिमांड पर थे। 15 अप्रैल को पुलिस अतीक और अशरफ को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची थी।
पत्रकार बनकर आए थे तीनों हमलावर
मेडिकल कॉलेज के बाहर पत्रकार बनकर आए तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके दोनों भाइयों को मौत की नींद सुला दिया। घटना के बाद देशभर में सनसनी फैल गई। राज्य सरकार ने आनन-फानन में मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। इसके अलावा जिला पुलिस की ओर से भी एक एसआईटी का गठन किया गया। दोनों टीमों की जांच चल रही है।
पुलिस कर्मियों और पत्रकारों को भेजे नोटिस
जानकारी के मुताबिक, अब एसआईटी के बाद न्यायिक आयोग ने अतीक और अशरफ की अभिरक्षा में तैनात 21 पुलिसकर्मियों को नोटिस दिया है। पुलिसकर्मियों के साथ-साथ मौके पर मौजूद पत्रकारों को भी न्यायिक आयोग ने नोटिस जारी किया है। न्यायिक आयोग की ओर से कहा गया है कि पत्रकार शपथ पत्र के साथ अपना लिखित बयान दर्ज कराएं। बताया गया है कि न्यायिक आयोग के नोटिस से पहले भी कुछ पुलिसकर्मियों से पूछताछ हो चुकी है।