पटना के बापू सभागार में मुक्ति गुरु प्रीता और कृष्णा ने ‘मुक्ति अनुभव’ कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में आये साधकों को उन्होंने मुक्ति का ज्ञान देते हुए उनके ज्ञानोदय का मार्ग प्रसस्त किया. उन्होंने कहा कि वे पटना की पवित्र भूमि से आत्मज्ञान का अनुभव कराने के लिए एक वैश्विक दौरा शुरू कर के बहुत प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं और वे अगले दो वर्षों में पांच महाद्वीपों की यात्रा कर लाखों लोगों के दिलों में मुक्ति के ज्ञान को प्रज्जवलित करेंगे.
कार्यक्रम में आये साधकों को संबोधित करते हुए कृष्णा ने कहा कि विश्व की सभी समस्याएं चाहे वो युद्ध हो या आर्थिक शोषण, चाहे जलवायु परिवर्तन हो या मानसिक अवसाद, इन सब का समाधान तब ही हो पायेगा जब एक निश्चित समूह प्रबुद्ध हो जाएगा और अपनी पीड़ा और आत्मकेंद्रितता से पार पा जाएगा. यह मानवता की सामूहिक चेतना को प्रभावित करेगा। उनका मानना है कि लोगों के इस महत्वपूर्ण जनसमूह को मानवता का 001% होना चाहिए. जब लोगों का जनसमूह प्रबुद्ध स्थिति के माध्यम से दुनिया का अनुभव करना शुरू कर देगी तो उनकी चेतना सामूहिक रूप से परिवर्तन लाएगी. केवल ऐसा प्रबुद्ध व्यक्ति ही लोक कल्याण ला सकता है.
प्रीता और कृष्णा ने पटना को भारत के प्राचीन शहरों में से एक के रूप में मान्यता दी, जहां शिक्षा, संस्कृति और कला का विकास हुआ, जहां चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक जैसे महान सम्राट, चाणक्य जैसे महान राजनीतिक और आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ हुए. उन्होंने यह भी कहा कि पटना का मुकुट रत्न प्रबुद्ध बुद्ध हैं, जिन्होंने अपने शिष्यों और अनुयायियों के साथ, जागृति और आत्मज्ञान की ऊर्जा का प्रसार किया. इसलिए उन्होंने पटना की पावन भूमि से ज्ञानोदय के अनुभव का वैश्विक दौरा शुरू करने का फैसला किया.
मुक्ति गुरु ने कहा, “आपको अपने प्रियजनों के साथ एक इको-फ्रेंडली संसार चलाने वाला बुद्ध बनना होगा. आप अभी भी धन का निर्माण कर सकेंगे, अपने परिवार की देखभाल कर सकेंगे, और अपने संगठन, समुदाय या समाज के लिए महान दृष्टिकोण प्राप्त कर सकेंगे, लेकिन एक महान शांति, महान करुणा और एकता में स्थापित चेतना के साथ, जो मुक्ति या आत्मज्ञान है.”
कृष्णा ने कार्यक्रम में आये साधकों के साथ अपने ज्ञानोदय को साझा किया जिससे संसार को मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर किया जा सके. उन्होंने सभी साधकों को आत्मज्ञान के मार्ग पर चलने का आशीर्वाद दिया.
उन्होंने पृथ्वी पर अपने उद्देश्य को साझा किया ताकि मानवता को सच्चे आत्म का एहसास हो सके कि आप आत्म हैं. एक शुद्ध आनंदमय चेतना हैं. आप सब कुछ हैं. आप सभी जगह हो. यह आपका वास्तविक स्वरूप है. जब आप अपने वास्तविक स्वरूप को महसूस करते हैं, तो आप स्वतंत्र होते हैं. आप प्रबुद्ध हैं.
मुक्ति गुरु प्रीता के शब्दों में, “पीड़ित अवस्था को पार करें और प्रबुद्ध अवस्था में प्रवेश करें. एक प्रबुद्ध अवस्था में परमात्मा आपको शक्तिशाली रूप से जवाब देता है.”
प्रीता और कृष्णा ने इस अवसर के मुख्य अतिथि बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का धन्यवाद किया. इसी कार्यक्रम में प्रीता और कृष्णा द्वारा लिखी गई बेस्ट सेलिंग बुक ‘Four Sacred Secrets’ के हिंदी अनुवाद ‘चार परम रहस्य’ का भी विमोचन किया गया. डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने किताब का विमोचन करते हुए एकम द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और प्रीता व कृष्णा के विजन की सराहना की. उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जिस प्रकार से लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, इस तरह के कार्यक्रम उन्हें तनाव से उबरने में बहुत मदद करेंगे. कार्यक्रम में उपस्थित पटना की मेयर सीता साहू ने कहा कि “प्रीता और कृष्णा के साथ इस कार्यक्रम में ध्यान के दौरान मैंने खुद को परमात्मा की पावन उपस्थिति में खुद को सौंप दिया”