नई दिल्ली: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी दे दी है। साथ ही अब ओबीसी को झारखंड में 27 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर भी मुहर लगाई गई। कैबिनेट बैठक में हेमंत सोरेन ने कुल 43 प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की।
विधेयकों को विधानसभा से पास कराने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। दोनों ही विधेयकों को नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र से अनुरोध किया जाएगा। नौंवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद ही यह झारखंड में लागू होगा। राज्य की सेवाओं में कुल आरक्षण सीमा अब 50 प्रतिशत से बढ़कर 77 प्रतिशत होगी। इस बैठक में कैबिनेट ने ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण को बढ़ाने संबंधी विधेयक के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
राज्य सरकार ने पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 28 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग अनुसूचित 2 में आनेवाले को 15 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग अनुसूचित 2 में आनेवाली ओबीसी को 12 प्रतिशत आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत का आरक्षण का प्रस्ताव आज की कैबिनेट में दिया गया। यानी अब राज्य में कुल 77 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। सामान्य वर्ग के लिए 23 फीसदी सीटें बची हैं।
बता दें कि इस विधेयक का नाम झारखंड पदों एवं सेवाओं की नियुक्ति में आरक्षण अधिनियम 2001 यथा संशोधित में तथा संशोधन हेतु 2022 विधेयक रख गया है।