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राजस्थान

Explainer: बिना चुनाव लड़े कैसे मंत्री बन गए सुरेंद्र पाल सिंह? इसे लेकर क्या कहता है नियम?

Surendra Pal Singh TT Becomes Minister: भाजपा नेता सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को बिना चुनाव लड़े मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने को लेकर कांग्रेस आक्रामक है। जानिए इसे लेकर नियम क्या है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Dec 30, 2023 19:33
Surendra Pal Singh TT Resign
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

Surendra Pal Singh TT Becomes Minister :  राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में कुल 22 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इन नेताओं में एक नाम सुरेंद्र पाल सिंह टीटी का भी शामिल है जिन्होंने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ ग्रहण की। इसमें खास बात यह है कि सुरेंद्र पाल विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले ही मंत्री बन गए हैं।

दरअसल, हालिया विधानसभा चुनाव प्रदेश की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर हुए थे। श्री करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन होने की वजह से यहां मतदान नहीं हुआ था। इस सीट के लिए अब पांच जनवरी को चुनाव होगा और भाजपा ने सुरेंद्र पाल को यहां से उम्मीदवार बनाया है।

कांग्रेस ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन

सुरेंद्र पाल को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे लेकर कहा है कि भाजपा ने चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए उन्हें शपथ दिलाई है। कांग्रेस इसे लेकर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग करेगी।

भाजपा ने इसलिए खेला है यह मास्टर स्ट्रोक

दरअसल, भाजपा के इस दांव से श्री करणपुर सीट से सुरेंद्र पाल के जीतने के आसार मजबूत हो गए हैं। कहा जा रहा है कि अगर मंत्री पद पर बैठा एक नेता चुनाव लड़ने उतरेगा तो जनता का भरोसा उसमें बढ़ेगा। इसके साथ ही कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट के भाजपा के खेमे में आने की संभावना भी बढ़ेगी।

इसे लेकर क्या कहता है संविधान का नियम

संविधान के आर्टिकल 164(4) के प्रावधानों के अनुसार कोई व्यक्ति बिना निर्वाचित हुए छह महीने तक मंत्री पद पर रह सकता है। नियमानुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं। लेकिन इसके छह माह के अंदर उसका विधानमंडल में निर्वाचित होना जरूरी है।

श्री करणपुर सीट का ऐसा है चुनावी कार्यक्रम

इस विधानसभा सीट पर पांच जनवरी को मतदान होगा। इसके बाद आठ जनवरी को मतगणना की जाएगी। भाजपा ने यहां से सुरेंद्र पाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक कुन्नर के बेटे रूपिंदर सिंह चुनावी मैदान में उतरेंगे। इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 2.40 लाख मतदाता हैं।

First published on: Dec 30, 2023 07:33 PM

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