Suresh Bhaiya Ji Joshi Statement On Caste (केजे श्रीवत्सन, जयपुर) : विजय दशमी के मौके पर आरएसएस (RSS) के स्वयंसेवक पथ संचलन कार्यक्रम के लिए राजस्थान के जयपुर में एकत्रित हुए। इस दौरान संघ नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने जाति को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम एक हैं। किसने जाति बिरादरी की परंपरा शुरू की? इसके बहस में जाने या चर्चा करने से कोई लाभ नहीं है। आज के समय में वह प्रासंगिक नहीं है। उसके कोई मायने नहीं हैं।
आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा कि जाति के आधार पर छोटा बड़ा मानना, इससे बड़ा अपराध क्या है। किसी को छोटा बड़ा मानना, ऊंचा नीचा मानना, अस्पर्श मानना, यह अधिकार किसने दिया? जब गलत भावनाएं विस्तृत रूप में फैलती हैं तो उसका विशाल रूप बनता है। दुर्भाग्य से भारत में जाति विरोधियों के बीच जो खाई है, उस खाई को दूर करने का प्रयास करना होगा। क्या कोई बता सकता है कि हरिद्वार किस जाति का है? 12 ज्योतिर्लिंग किस जाति के हैं? इस देश के कोने-कोने पर 51 शक्तिपीठ किस जाति के हैं? इस देश की चार दिशाओं में रहने वाले लोग अपने आप को हिंदू मानते हैं, क्योंकि वे इन सब को अपना मानते हैं। राज्य की सीमाएं लोगों के अंदर भेद निर्माण नहीं कर सकती हैं।
यह भी पढ़ें : बेटियों को संस्कृति और इतिहास सीखाना जरूरी, कथावाचक बोले- ऐसा होने पर खत्म होगा लव जिहाद
संविधान में भी ‘हम भारत के लोग’ लिखा है : भैयाजी जोशी
उन्होंने आगे कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने जब संविधान लिखा, उसकी प्रस्तावना में वह लिखते हैं कि ‘हम भारत के लोग’। उन्होंने ‘हम विभिन्न राज्यों के लोग’ नहीं लिखा। उन्होंने संदेश दिया कि भारत के लोग किसी भी राज्य में जा सकते हैं, किसी भी भाषा को अपना सकते हैं। भारत माता की जय के लिए कोई वैकल्पिक शब्द नहीं है। तमिलनाडु के लोग भी भारत माता की जय कहेंगे, असम के भी और मणिपुर के भी। महाराष्ट्र-राजस्थान के लोग भी यही कहेंगे। सभी लोग एक हैं। भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं।
‘भारत अपनी पहचान बनाएगा’
संघ नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि लोकल के लिए वोकल। आज जाने अनजाने में लोग बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ग्राहक बन गए हैं। दुनिया के अन्य देश भारत को बाजार समझते हैं। 140 करोड़ का देश है। भारत अपने पैरों पर खड़ा होकर अपनी पहचान बनाएगा।
यह भी पढ़ें : कौन हैं IAS Kanishka Kataria? जिन्होंने पिता के इस्तीफे पर किया साइन; 1 करोड़ की नौकरी छोड़ बने थे अफसर
‘स्वच्छ भारत के लिए संकल्प लें’
उन्होंने कहा कि लोगों को अपने अधिकार और कर्तव्यों को समझने की आवश्यकता है। किसी भी देश में साफ-सुथरा रखने के लिए विज्ञापन नहीं लगते हैं, लेकिन यहां पर स्वच्छ भारत को लेकर अभियान चलाना पड़ता है। जिस दिन देश का हर व्यक्ति यह संकल्प ले लेगा कि गंदगी नहीं करेंगे तो साफ सुथरा होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।