Rajasthan politics: रमन कुमार। राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा आज से शुरू हुई। सचिन पायलट ने अजमेर से यात्रा की शुरुआत की है। पायलट अगले पांच दिनों में 125 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। बताया जा रहा है कि उनकी इस यात्रा पर कांग्रेस आलाकमान की नजर भी है।
आलाकमान ले सकता है बड़ा फैसला
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को 125 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का आह्वान किया। दो दिन पहले धौलपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट खेमे पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद पायलट ने प्रेस वार्ता में इस यात्रा का ऐलान किया। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान की पैनी नजर इस यात्रा पर है और अनुशासन समिति से जुड़े एक नेता के मुताबिक सचिन पायलट ने सभी सीमाएं लांघ दी है, जिससे साफ है आने वाले समय में सचिन पायलट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि आलाकमान ने अब तक इस पर कुछ कहा नहीं है।
ऐसा है सचिन पायलट की यात्रा का कार्यक्रम
- सचिन पायलट ने 11 मई से जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का किया आह्वान
- भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए 11 अप्रैल को किया था अनशन
- जन संघर्ष यात्रा अजमेर से रवाना होकर जयपुर पहुंचेगी
- करीब 125 किलोमीटर की यात्रा में 5 दिन लगेंगे
अनशन के बाद शुरू की यात्रा
तीन दिन पहले बाड़मेर में पायलट ने आह्वान किया था कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे और अब 11 मई से जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का आह्वान किया है। जयपुर में अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए पायलट ने कहा कि पहले उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया था। अब वे जन संघर्ष यात्रा निकालेंगे। यह पद यात्रा अजमेर से रवाना होकर जयपुर पहुंचेगी। करीब 125 किलोमीटर की इस यात्रा में 5 दिन लगेंगे।
राजे सरकार पर साधा था निशाना
दरअसल, सचिन पायलट ने पूर्व की वशुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जब वसुंधरा राजे का शासन था, उस दौरान हुए हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की जांच के लिए उन्होंने कई बार सरकार को चिट्ठियां लिखी थी। पायलट ने कहा कि अब धौलपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दिया गया भाषण सुनकर मैं समझ गया कि घोटालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। अब वे ना उम्मीद हैं लेकिन जनता भगवान है। ऐसे में वे अपनी बात को लेकर जनता जनार्दन के बीच जाएंगे और उनकी बातों को सुनेंगे।’
पायलट ने कहा कि ‘उनकी यह यात्रा किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है बल्कि यह करप्शन के विरोध में है। जनता के मुद्दों और नौजवानों के पक्ष में है क्योंकि बार बार पेपर लीक हो रहे हैं, लेकिन असली गुनहगार पकड़े नहीं जा रहे हैं। जन संघर्ष यात्रा प्रदेश के नौजवानों और जनता के मुद्दों की आवाज बनेगी।
सचिन पायलट के बगावती तेवर के बाद कांग्रेस आलाकमान अब निर्णय में देरी के हक में नहीं है। पार्टी को लगता है अगर इसमें देरी की गई तो अशोक गहलोत सरकार के द्वारा लिए गए जनता से जुड़े फैसले का फायदा उठाने में कामयाबी नहीं मिल पाएगी।