राजस्थान में जयपुर पुलिस ने अन्तर्राज्यीय स्तर पर सक्रिय एक शातिर गुजराती गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस का दावा है कि गैंग बुज़ुर्ग महिलाओं को निशाना बनाकर ऑटो में लूट की वारदातों को अंजाम देता था। विधायकपुरी थाना पुलिस की टीम ने दिल्ली के टैगोर गार्डन इलाके में दबिश देकर इस गैंग के मुख्य सरगना गोविंद राजकोटिया और उसके साथी अनील मीठापुरा को गिरफ्तार किया है।
500 ऑटो चालकों से की पूछताछ
पुलिस के अनुसार, ये गैंग वारदात के बाद दिल्ली भाग जाया करता था। पहचान छिपाने के लिए मुख्य आरोपी गोविंद ने अपना सिर मुंडवा लिया और मूंछें भी कटवा दीं, लेकिन पुलिस की पैनी निगाह और तकनीकी जांच के चलते वह ज्यादा दिन तक छुप नहीं सका। पुलिस को इस गैंग तक पहुंचने के लिए करीब 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और 500 से ज़्यादा ऑटो चालकों से पूछताछ की। गहन पड़ताल के बाद पुलिस को आरोपियों का सुराग मिला और दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।
इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
इस गैंग का काम करने का तरीका बेहद फिल्मी था। गैंग के सदस्य खुद ऑटो में पहले से सवारी बनकर बैठते थे और फिर रास्ते में किसी बुज़ुर्ग महिला को भी सवारी के तौर पर बैठा लिया जाता था। कुछ दूरी चलने के बाद सुनसान जगह पर ऑटो रुकवाया जाता और महिला को चारों ओर से घेरकर सोने के कंगन और अन्य कीमती गहने लूट लिए जाते। वारदात के बाद ऑटो को पार्किंग में खड़ा कर आरोपी दिल्ली भाग जाते और कुछ दिन बाद वापस आकर फिर से वही तरीका अपनाकर वारदात करते थे।
2014 वारदात कर रहे आरोपी
जयपुर पुलिस ने बताया कि आरोपी दिल्ली के टैगोर गार्डन इलाके में किराए के मकान में रहते थे और वहीं से अपनी आपराधिक गतिविधियां संचालित कर रहे थे। मुख्य आरोपी गोविंद वर्ष 2014 से जयपुर और दिल्ली में सक्रिय था और पहले भी कई लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
लूट की घटनाओं पर लगेगी लगाम
पुलिस की ये कार्रवाई बुज़ुर्गों को निशाना बनाकर हो रही लूट की घटनाओं के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। अब पुलिस इस गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और पूछताछ के आधार पर और भी बड़े खुलासों की उम्मीद है।