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राजस्थान

IPS पंकज चौधरी को सरकार ने बनाया ‘जूनियर’, बोले- ‘ये कोर्ट के आदेश की अवहेलना’

IPS Pankaj Chaudhary demotion reaction: राजस्थान के आईपीएस पंकज चौधरी ने डिमोशन के आदेश के बाद सरकार पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश अवैध है और वे इसे कोर्ट में चुनौती देंगे।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 19, 2025 10:37
IPS Pankaj Chaudhary demotion reaction
IPS Pankaj Chaudhary

Rajasthan IPS officer demotion: राजस्थान के आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी सुर्खियों में रहते हैं। जैसलमेर में आईपीएस रहते हुए कांग्रेस नेता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट फिर से खोलने वाले पंकज चौधरी इन दिनों डिमोशन के कारण चर्चा में है। इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करने वाले वे राजस्थान के पहले आईपीएस है।

रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने चौधरी को तीन साल के लिए लेवल-11 सीनियर पे स्केल से लेवल-10 जूनियर पे स्केल में डाल दिया है। ये पे स्केल नए-नवेले अधिकारियों को मिलता है। बता दें कि पकंज चौधरी वर्तमान में पुलिस अधीक्षक कम्युनिटी पाॅलिसिंग, पुलिस मुख्यालय जयपुर में तैनात हैं।

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आदेश अवैध है- आईपीएस

इस आदेश के बाद चौधरी ने कहा कि यह आदेश अवैध है और अदालत की अवमानना है। मैं इस आदेश को चुनौती दूंगा। उन्होंने कहा कि कैट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले ही उनके पक्ष में फैसला सुना चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस आदेश की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया जो कि कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के 4 साल बाद आया है।

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आईपीएस ने एक्स पर लिखा मुद्दा यह नहीं है प्रमोशन हुआ या डिमोशन। मुद्दा कोर्ट के आदेशों की जानबुझकर अवहेलना करना है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। यह लक्षण और प्रवृति राज्य के लिए हानिकारक है। यह व्यवस्था में विश्वास को तोड़ता है। चौधरी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि हर युद्ध की कीमत चुकानी पड़ती है। यह युद्ध भ्रष्टाचार और अवसरवादियों के खिलाफ है। चापलूसी और चाटुकारिता के युग में यह युद्ध भावी पीढ़ियों की बेहतरी के लिए है।

विवादों में रह चुके

2009 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी मूलतः यूपी के रहने वाले हैं। 2013 में उन्होंने कांग्रेस विधायक सालेह मोहम्मद के पिता और पूर्व मंत्री गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोली थी। इस मामले में 48 घंटे बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद वसुंधरा सरकार में भी उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। साल 2019 में पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की। इसके बाद उन्हें सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। हालांकि कैट के आदेश के बाद उन्हें 2021 में फिर से बहाल कर दिया गया। सेवा से बर्खास्त होने के बाद उन्होंने साल 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था।

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First published on: Feb 19, 2025 10:37 AM

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