राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आई है। 9000 करोड़ के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे डॉ. महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद बड़ा एक्शन लिया। इस मामले में महेश जोशी को 3 बार नोटिस भी भेजा गया था। आइए जानते हैं कि क्या है जल जीवन मिशन (JJM) घोटाला?
राजस्थान की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में जल जीवन मिशन स्कैम सामने आया था, जिसमें 9000 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप लगा है। इस मामले में कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पहले एसीबी ने इस स्कैम की जांच पड़ताल की और फिर ईडी ने इस मामले में एंट्री मारी। इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने रेड मारी और पूछताछ के लिए तीन बार नोटिस भेजा।
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ईडी ने महेश जोशी को किया गिरफ्तार
पूर्व मंत्री महेश जोशी व्यक्तिगत कारण बताकर बार-बार नोटिस से बचते रहे, लेकिन वह गुरुवार को ईडी के दफ्तर पहुंचे। जांच एजेंसी ने दिनभर महेश जोशी से लंबी पूछताछ की। अंत में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया। इसी मामले में जांच एजेंसी ने साल 2024 में ठेकेदार पदमचंद जैन समेत कुछ बिचौलियों को अरेस्ट किया था।
जानें क्या है JJM घोटाला मामला?
जल जीवन मिशन का पूरा प्रोजेक्ट करीब 3 लाख 40 हजार करोड रुपये से भी ज्यादा का था, जिसमें केंद्र सरकार ने 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये दिए थे। इसके तहत राजस्थान के कई जिलों में हर घर में जल पहुंचने के लिए पाइपलाइन बिछाई जानी थी। आरोप है कि महेश जोशी ने न सिर्फ अपने चहेतों को टेंडर दिलाया, बल्कि दो ऐसी फार्मों को भी बड़ा टेंडर दिला दिया, जो पूरी तरफ फर्जी थी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने यह टेंडर ले लिए थे। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी यह एक बड़ा मुद्दा बना था, जिसका खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ा था। कांग्रेस ने हवा महल से अपनी सीटिंग विधायक महेश जोशी का टिकट काट दिया था।
अशोक गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा का एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट बन चुके ED द्वारा पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है जब उनकी पत्नी करीब 15 दिन से जयपुर के एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं। उनकी इच्छा थी कि इस मुश्किल परिस्थिति से निकलने के बाद ED को बयान दें। यह उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ने का प्रयास है जिससे उनसे मनमुताबिक बयान लिए जा सकें।
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