के जे श्रीवत्सन, जयपुर:
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में 25 नवंबर को वोट डाले जाने हैं। उससे पहले इस बार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों से जुड़ी रोचक और चौंका देने वाली जानकारियां सामने आई है। अदर और राजस्थान इलेक्शन वॉच द्वारा मरुधरा की रण में उतरे प्रत्याशियों के चुनाव आयोग को दिए सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर आंकड़े सामने आए हैं। इसके तहत राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार मैदान में उतरे 1875 में से 375 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की जानकारी चुनाव आयोग को दी है।
151 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज
इनमें से भी चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय पार्टियों के 668 प्रत्याशियों में से 151 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से भी 111 प्रत्याशियों पर गंभीर किस्म वाले आपराधिक मामले हैं। बीजेपी के 200 में से 31 फीसदी यानी 61, कांग्रेस के 199 में से 34 यानी 17 फीसदी, BSP के 185 में से 12 यानी 6 फीसदी, 8 rlp के 74 में से 24 और भारतीय ट्राइबल पार्टी के 17 में से 1 प्रत्याशी के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
विधानसभा चुनाव में महिला अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर सभी बड़े नेता जोर-शोर से भाषण देते सुनाई दे रहे हैं, लेकिन चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ की प्रत्याशियों के खिलाफ महिलाओं के विरुद्ध किए गए अत्याचार के मामले अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं।
आम आदमी पार्टी के 21 फीसदी उम्मीदवारों का भी क्रिमिनल बैकग्राउंड
एक प्रत्याशी के खिलाफ बलात्कार का भी मामला है। चार उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज है जबकि 34 के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है। पिछले चुनाव के साथ तुलना करें तो बीजेपी ने जहां साल 2018 में 17 फीसदी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया था, वहीं इस बार 31 फीसदी क्रिमिनल केस वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारा दिया है। जबकि कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 22 फीसदी और इस बार 24 फीसदी आपराधिक केस से जुड़े प्रत्याशियों को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी के 21 फीसदी उम्मीदवारों का भी क्रिमिनल बैकग्राउंड है।
चुनाव आयोग को नामांकन के दौरान दी गई जानकारी बता रही है कि राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 46 सीटें ऐसी हैं, जहां चुनाव लड़ रहे तीन या उससे ज्यादा प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। सभी राजनीतिक दल गरीबों के विकास और उन्हें आगे लाने की बात करती नजर आती है, लेकिन जब बात चुनाव में प्रत्याशी उतारने की होती है तो यहां भी उनका अलग ही मूड नजर आ रहा है।
5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति रखने वाले 259 उम्मीदवार
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति रखने वाले 259 उम्मीदवार हैं। 2 करोड़ से 5 करोड़ की संपत्ति वाले 250 लाख से 2 करोड़ वाले 408 और 10 लाख से कम संपत्ति रखने वाले 507 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। इस तरह राजस्थान में चुनाव लड़ रहे कल 1871 में से 651 उम्मीदवार करोड़पति निकले।
चुनाव आयोग को दिए आंकड़ों से यह भी पता लगता है कि राजनीतिक दल पैसे वालों को ही टिकट देते हैं। बीजेपी ने 200 में से 178 यानी 81 फीसदी , कांग्रेस ने 199 में से 167 यानी 77 फीसदी और बहुजन समाज पार्टी ने 186 में से 36 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिनकी संपत्ति एक करोड़ रुपये से ज्यादा की है।
RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
Don't forget to vote on 25th November.
Timing: 7.00 am to 6.00 pm#Mission75#RajasthanAGE2023#YouthChalaBooth#ECISVEEP#ECI @CeoRajasthan @SpokespersonECI@ECISVEEP pic.twitter.com/KOKM7Dsk8B— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) November 15, 2023
रफीक मंडेला के पास 166 करोड़ रुपये
इस चुनाव में सबसे ज्यादा संपत्ति चूरू से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रफीक मंडेला हैं। जिनके पास 166 करोड़ रुपये हैं। हालांकि उन्होंने 82 करोड़ रुपए की देनदारी भी दिखाई है। जबकि सीकर के नीम का थाना से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रेम सिंह बिजनौर के पास 123 करोड रुपए की संपत्ति है। इसमें से 71 करोड़ रुपये की देनदारी दर्शाई गई है।
इसी तरह तीसरे स्थान पर चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अशोक गहलोत सरकार के मंत्री उदयलाल आंजना के पास 130 करोड़ रुपये की चल चल संपत्ति है। रोचक तथ्य भी है कि चुनाव लड़ रहे अलवर, अजमेर, गंगानगर, झालावाड़ ,सवाई माधोपुर और बीकानेर के 8 प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है।
तीन प्रत्याशियों की संपत्ति केवल 500 से लेकर 1000 के बीच
जब किसी का निंबाहेड़ा और हिंडौन से चुनाव लड़ने वाले तीन प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति केवल 500 से लेकर 1000 के बीच ही होने का चुनाव आयोग को हलफनामा दिया है। सबसे ज्यादा सालाना आय नागौर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हीरेंद्र मिर्धा ने आयकर रिटर्न के आधार पर बताई है। वे हर साल 10 करोड़ रुपये कमा रहे हैं।
774 उम्मीदवार इस बार 5 वीं से 12वीं के बीच पढ़े लिखे हैं। जबकि 916 उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं। 11 उम्मीदवार ऐसे भी मैदान में है जो कि निरक्षर हैं। इन चुनाव में कांग्रेस ने जहां कुल प्रत्याशियों में से 14 फीसदी यानी कि 199 में से 28 महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा केवल 10 फीसदी यानी 200 में से महज 30 महिलाओं को ही टिकट दे पाई है।