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राजस्थान

राजस्थान के बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता खत्म, विधानसभा ने जारी की अधिसूचना

राजस्थान के बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता खत्म हो गई। कोर्ट से 3 साल की सजा होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने यह फैसला लिया। इसे लेकर विधानसभा ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: May 23, 2025 15:11
Kanwar Lal Meena
कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म।

Kanwar Lal Meena Legislation Cancelled : एसडीएम पर पिस्टल तानने और सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने के मामले में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता खत्म कर दी गई है। इसको लेकर विधानसभा ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार उनकी विधायकी 1 मई से खत्म मानी जाएगी। मामले में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कंवरलाल की विधायकी को लेकर राज्य वकीलों से कानूनी राय मांगी थी। बता दें कि विधायकी जाने से बचने के लिए कंवरलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी हालांकि उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली।

20 साल पुराने एक मामले में बारां जिले की अंता सीट से विधायक कंवरलाल मीणा ने दो दिन पहले ट्रायल कोर्ट के सामने खुद को सरेंडर किया था। इस मामले में अदालत ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई। अब विधानसभा ने सजायाफ्ता कंवर लाल मीणा की विधायकी रद्द कर दी। कांग्रेस इसका क्रेडिट ले रही है।

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राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा?

राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सत्यमेव जयते, कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव एवं नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली के द्वारा हाई कोर्ट में ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ की अर्जी पेश करने के बाद आखिरकार भाजपा के सजायाफ्ता विधायक कंवर लाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोपरि है। कांग्रेस पार्टी यह बात बार-बार RSS-BJP के नेताओं बताती रहेगी और उन्हें मजबूर करेगी वो संविधान के मुताबिक काम करें।

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उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक भाजपा विधायक कवंरलाल को कोर्ट से 3 साल की सजा होते ही उनकी सदस्यता रद्द कर देनी जानी चाहिए थी। लेकिन कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद भी भाजपा के सजायाफ्ता विधायक की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रद्द नहीं की गई। विपक्ष के ज्ञापन सौंपने एवं चेताने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष दंडित विधायक को बचाते रहे। इस दौरान उन्होंने एक अभियुक्त को बचाने के लिए न सिर्फ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया बल्कि संवैधानिक प्रावधानों एवं कोर्ट के आदेश की अवहेलना की। लेकिन अंतत: जीत सत्य की हुई और कंवरलाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी, क्योंकि देश में कानून और संविधान की पालना कराने के लिए कांग्रेस की सेना मौजूद है। एक देश में दो कानून नहीं हो सकते।

विधानसभा अध्यक्ष ने कंवरलाल की सदस्यता की रद्द

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि शुक्रवार को कंवरलाल की सदस्यता रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य नहीं करते हैं। वे किसी भी मामले में उससे संबंधित प्रत्येक पहलू का गहन अध्ययन करके ही विधि सम्मत और न्याय सम्मत ही निर्णय लेते हैं। इससे पहले भी विधानसभा से संबंधित अनेक विषयों पर विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्षों ने बहुत अधिक समय लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

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First published on: May 23, 2025 02:32 PM

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