Rajasthan Election 2023: चुनाव आयोग ने राजस्थान में मतदान के अंतिम आंकड़ें रविवार को जारी कर दिये। आयोग के अनुसार प्रदेश में अब तक 75.45 प्रतिशत मतदान हो चुका है। जो पिछले चुनाव 1 फीसदी अधिक है। 2018 में राजस्थान में 74.03 प्रतिशत मतदान हुआ था। जानकारों की मानें तो ये सीटें सरकार बनाने और सत्ता से दरकिनार करने में काफी अहम होती है।
2018 के चुनाव में प्रदेश में 29 सीटें ऐसी थी जहां पर हार-जीत का अंतर 4 हजार वोटों से कम का था। कांटे की टक्कर वाली इन सीटों पर इस बार वोटर्स की निगाह है। 2018 में कांग्रेस ने इनमें से करीब 12 और भाजपा ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं 3 सीटें अन्य के खाते में गई थी। साल 2013 में भी भाजपा ने ऐसी करीब 25 सीटों पर विजय हासिल की थी।
आइये जानतें हैं राजस्थान की ऐसी 29 सीटें जिन पर रहता है कांटे का मुकाबला
1. मारवाड़ जंक्शन
भाजपा ने 2018 में इस सीट को गंवा दिया था। इस बार उसे वापसी की उम्मीद है। 2018 में इस सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी। वहीं हार का अंतर महज 251 वोट था। इस बार भाजपा ने यहां से केसाराम चैधरी और कांग्रेस ने खुशवीर सिंह जोजावर को मैदान में उतारा है। हालांकि 2018 में 60.94 प्रतिशत की तुलना में इस बार 61.29 फीसदी मतदान यहां हुआ है। ऐसे में इस बार यह सीट भाजपा जीत सकती है।
2. बूंदी
2018 के चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर 713 वोट से जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार कांग्रेस यहां से हरिमोहन शर्मा और भाजपा ने यहां से अशोक डोगरा को मैदान में उतारा है। वहीं 2018 में इस सीट पर 75.75 फीसदी मतदान और 2023 में 76.57 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ। इस सीट पर भाजपा जीतती रही है ऐसे में सत्ता परिवर्तन को देखते हुए इस बार भी इस सीट पर भाजपा विजय हासिल कर सकती है।
3. आसींद
2018 के चुनाव में भाजपा के जब्बर सिंह सांखला ने यहां 154 वोट से जीत दर्ज की थी। इस बार वोटिंग परसेंटेज में 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। ऐसे में एक बार फिर यहां भाजपा जीत का परचम फहरा सकती है। कांग्रेस की ओर से हंगामी लाल मेवाड़ा एक बार फिर मैदान में है।
4. पीलीबंगा
हनुमानगढ़ की पीलीबंगा सीट पर पिछली बार भाजपा ने जीती थी। भाजपा इस सीट पर लगातार जीतती रही है। हालांकि वोटिंग परसेंटेज 2018 में 84.66 की तुलना में 2013 में 82.54 प्रतिशत रहा है। लेकिन भाजपा की परंपरागत सीट होने की वजह से भाजपा इस सीट को जीता हुआ मानकर चल रही है।
5. पोकरण
2018 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के सालेह मोहम्मद ने भाजपा के प्रतापपुरी महाराज को महज 872 वोट से मात दी थी। वहीं बात करें वोटिंग परसेंटेज की 2018 में 88.09 प्रतिशत की तुलना में 2023 में 87.79 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछली बार यहां कांटे की टक्कर हुई थी ऐसे में इस बार सर्वाधिक मतदान इसी सीट पर हुआ है। इस बार भी यह सीट किसी के खाते में जा सकती है।
Voters respond to the call of democracy with enthusiasm as #Rajasthan
goes to polls.
Peaceful Polling in 199 Assembly Constituencies; polling in Karanpur
Assembly Constituency adjourned due to the death of a candidate#RajasthanElections2023
Details : https://t.co/Phpjvega3W pic.twitter.com/BCLW7K7jSt— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) November 25, 2023
6. दांतारामगढ़
2018 में दांतारामगढ़ सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। इस बार वोटिंग बढ़ी तो भाजपा यह मानकर चल रही है कि इस सीट पर वह जीत हासिल कर सकती है। 2018 में इस सीट 73.94 फीसदी मतदान हुआ था वहीं इस बार 75.42 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय है क्योंकि सीपीएम से पूर्व विधायक अमराराम और जेजेपी से रीटा चैधरी भी इस सीट से चुनाव मैदान में है। रीटा कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह की पत्नी हैं।
7. फतेहपुर
2018 के 74.16 फीसदी की तुलना में 2023 में वोटिंग प्रतिशत 70.75 प्रतिशत रहा है। वोटिंग परसेंटेज गिरने से दोनों पार्टियां असमंजस में है। हालांकि पिछली बार इस सीट से कांग्रेस मात्र 860 वोट से विजयी रही थी।
8. सिवाना
2018 में इस सीट पर भाजपा के हम्मीर सिंह भायल ने मात्र 957 वोट से जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस ने यहां से भाजपा के दिग्गज नेता जसवंत सिंह जसोल के पुत्र मानवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं 2018 के 65.82 की तुलना में इस बार 64.27 प्रतिशत वोटिंग यहां हुई है। कांग्रेस इस बार यहां से जीत का दावा कर रही है। हालांकि आरएलपी के उतरने से इस बार भी भाजपा को फायदा हो सकता है।
9. फुलेरा
फुलेरा सीट से भाजपा लगातार 3 बार से विजयी रही है। 2018 में 75.64 प्रतिशत की तुलना में इस बार यहां 77.78 फीसदी मतदान हुआ है। कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि इस बार वह इस सीट से विजयी हो सकती है। क्योंकि भाजपा के निर्मल कुमावत करीब 3 बार से यहां विधायक है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव : वोट डालने के बाद वसुंधरा राजे ने खाई दही, रोटी और हरी मिर्च @VasundharaBJP | #VasundharaRaje | Vasundhara Raje pic.twitter.com/A3u06dpcQ2
— News24 (@news24tvchannel) November 26, 2023
10. चौमूं
2018 में 84.23 प्रतिशत की तुलना में इस बार यहां वोटिंग 83.61 फीसदी मतदान हुआ है। इस बार भाजपा ने यहां से रामलाल शर्मा को मैदान में उतारा है। चौमूं भाजपा की परंपरागत सीट रही है। ऐसे में इस बार भी वह जीत का दावा कर रही है। हालांकि आरएलपी यहां समीकरण बिगाड़ सकती है।
11. खेतड़ी
2018 में इस सीट से कांग्रेस से 957 वोट अधिक पाकर जीत दर्ज की थी। इस बार 2018 की तुलना में वोटिंग परसेंटेज 74.38 रहा है। इस बार भी वोटिंग में बढ़ोतरी से यहां भाजपा उत्साहित है।
12. मकराना
इस बार भाजपा ने यहां रूपाराम मुरतिया की जगह पर सुमित्रा भींचर को मौका दिया है। वहीं 2018 की तुलना में यहां 75.13 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं आरएलपी के कारण जाट वोट बैंक में सेंधमारी भी हुई है। वोटिंग के आकड़े देखकर कांग्रेस उत्साहित हैं। हालांकि भाजपा भी जीत का दावा कर रही है।
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13. मालवीय नगर
यह सीट भाजपा की सेफ सीट रही है। पिछली बार यहां भाजपा ने 1704 वोट से जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर यहां अर्चना शर्मा को मौका दिया है। पिछली बार की तुलना में इस बार वोटिंग परसेंटेज 69.47 प्रतिशत रहा है। इसलिए इस बार भी भाजपा यह सीट जीत सकती है।
14. चूरू
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की यह परंपरागत सीट रही है। भाजपा इस सीट पर जीतती रही है। लेकिन इस बार भाजपा ने यहां नया चेहरा मैदान में उतारा है। राजेंद्र राठौड़ के चुनाव नहीं लड़ने का असर वोटिंग परसेंटेज भी पड़ता नजर आया है। 2018 के 77.97 प्रतिशत की तुलना में इस बार 76.83 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
15. बेंगू
बेंगू में पिछली बार वोटिंग घटने के बाद कांग्रेस को फायदा हुआ था। इस बार 83.51 प्रतिशत वोटिंग यहां हुई हैं जो कि 2018 की तुलना में कम है। हालांकि क्षेत्र में राजेंद्र सिंह का विरोध हो रहा है। ऐसे में भाजपा यहां उत्साहित है।
16. सांगोद
पिछली बार इस सीट पर वोटिंग घटने से कांग्रेस को फायदा हुआ था। इस बार यहां 79.08 प्रतिशत वोटिंग हुई है। वोटिंग बढ़ने से भाजपा उत्साहित है। ऐसे में भाजपा यहां अपनी जीत मानकर चल रही है।
17. पचपदरा
2018 की तुलना में इस बार यहां 73.22 प्रतिशत वोटिंग हुई है। वहीं कांग्रेस पिछली बार वोटिंग घटने से कांग्रेस को फायदा हुआ था। ऐसे में इस बार यह सीट भाजपा अपनी मान कर चल रही है। वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से भाजपा उत्साहित है।
Go Vote !
Join the celebration of ongoing "Loktantra ro rangilo tyohar" – where the enthusiasm of voters paint the canvas of our democracy.#ECI #AssemblyElections2023 #RajasthanElections2023 #GoVote #IVote4Sure pic.twitter.com/4XKMsu21T8
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18. खानपुर
यह सीट भाजपा और वसुंधरा के प्रभाव वाले हाड़ौती क्षेत्र में है। पिछली बार वोटिंग घटने के बावजूद यहां भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार यहां 81.39 प्रतिशत वोटिंग हुई है। ऐसे में यहां भाजपा उत्साहित है।
19. मंडावा
भाजपा ने इस नरेंद्र खींचड़ को उताकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। हालांकि यहां इस बार 73.97 प्रतिशत वोटिंग हुई है। जो कि पिछली बार जितनी ही है। हालांकि इस सीट से नरेंद्र पहले भी जीत चुके हैं। ऐसे में इस बार भी इस सीट को भाजपा अपना मानकर चल रही है।
20. नावां
पिछली बार यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी। इस बार यहां 74.70 प्रतिशत मतदान हुआ है। ऐसे में इस बार यहां भाजपा इस बार अपना फायदा देखकर चल रही है।
21. रानीवाड़ा
यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है। इस बार भी भाजपा यहां जीत दर्ज कर सकती है। पिछली बार की तुलना में इस बार यहां 77.89 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। जो कि भाजपा अपने लिए फायदा मानकर चल रही है।
22. सूरजगढ़
इस सीट पर पिछली बार भी भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार यहां 69.09 प्रतिशत मतदान हुआ है। जो कि पिछली बार से कम है। हालांकि यह भाजपा की सेफ सीट है। ऐसे में यह सीट भाजपा के खाते में जा सकती है।
23. मसूदा
इस सीट पर पिछले पांच चुनाव से कोई विधायक रिपीट नहीं हुआ है। इस बार 73 प्रतिशत वोटिंग यहां हुई है। ऐसे में भाजपा इस बार इस सीट को अपना मानकर चल रही है।
Third Gender voters waiting for their turn to vote at Vallabh bari
Kota in ongoing #RajasthanAssemblyElection2023 .
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24. चाकसू
पिछली बार यहां वोटिंग बढ़ी थी इसका फायदा कांग्रेस को मिला और उन्होंने जीत दर्ज की थी। इस बार 75.68 फीसदी वोटिंग हुई है जो कि पिछली बार की तुलना में कम है। ऐसे में यह सीट भाजपा अपनी मानकर चल रही है।
25. वल्लभनगर
इस बार यहां 2018 के बराबर 76.23 प्रतिशत वोटिंग हुई है। पिछले चुनाव में भाजपा के बागी ने माहौल बिगाड़ दिया था। इस बार यह सीट भाजपा अपना मानकर चल रही है। हालांकि विश्लेषक इस सीट पर दोंनो ही पार्टियों के जीत का दावा कर रहे हैं।
26. बहरोड़
इस सीट पर 2018 की तुलना में इस बार वोटिंग परसेंटेज गिरा है। इस बार यहां 74.25 प्रतिश मतदान हुआ है। जो कि पिछली बार की तुलना में कम है। पिछली बार यह सीट निर्दलीय के पास चली गई थी। इस बार यहां कांटे की टक्कर है।
27. भीम
2018 की तुलना में इस बार 70.34 फीसदी मतदान हुआ है। पिछली बार वोटिंग घटी थी तो यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई इस बार यहां भाजपा जीत दर्ज कर सकती है। क्योंकि वोटिंग बढ़ी है।
28. शाहपुरा
2018 की तुलना में इस बार इस सीट पर 83.83 फीसदी मतदान हुआ है। जो कि पिछली बार से थोड़ा सा अधिक है। यहां भाजपा से बागी कैलाश मेघवाल भी मैदान में हैं। ऐसे में इस बार यह सीट फंस सकती है।
29. छबड़ा
यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है। इस बार यहां पिछली बार की तुलना में अधिक वोटिंग हुई है। इस बार 80.53 फीसदी वोटिंग से भाजपा इसे अपने मानकर चल रही है।