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राजस्थान में वसुंधरा जैसी जनाधार वाली नेता को खोना नहीं चाहती भाजपा, सामने आई बड़ी वजह

Rajasthan Assembly Election 2023 Vasundhara Raje Latest News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही भाजपा मिशन मोड में आ चुकी है।

Author Published By : Rakesh Choudhary Updated: Oct 25, 2023 07:57
Rajasthan Assembly Election 2023 Vasundhara Raje Latest News
Rajasthan Assembly Election 2023 Vasundhara Raje Latest News

Rajasthan Assembly Election 2023 Vasundhara Raje Latest News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही भाजपा मिशन मोड में आ चुकी है। अब तक उसने 124 उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया है। वहीं कांग्रेस भी अब तक 76 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। इस बीच भाजपा में अचानक से वसुंधरा राजे की अहमियत बढ़ गई है। भाजपा ने पहली सूची में उनकी राय को इतनी तवज्जो नहीं दी जितनी की दूसरी लिस्ट में दी है। पार्टी ने दूसरी लिस्ट में न केवल उन्हें उनकी परंपरागत सीट झालरापाटन से चुनावी मैदान में उतारा है बल्कि उनके कई समर्थकों को टिकट भी दिया है।

पार्टी ने दूसरी लिस्ट में वसुंधरा समर्थकों को दिए टिकट

भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी ने हिमाचल और कर्नाटक की हार से सबक लेते हुए राजस्थान में वसुंधरा राजे को फिर से वहीं अहमियत दी है। बता दें कि पार्टी अब तक 200 सदस्यीय विधानसभा में 124 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। बाकी बचे 76 सीटों के लिए नाम भी जल्द जारी हो सकते हैं। पार्टी ने पहली सूची में 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारने के साथ ही वसुंधरा समर्थकों के टिकट भी काटे थे, लेकिन दूसरी सूची में पार्टी ने उनके 27 समर्थक नेताओं को टिकट दिए हैं।

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राजस्थान में सरकार बना सकती है भाजपा

बता दें कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने आपको सबसे ज्यादा आरामदायक राजस्थान में महसूस कर रही है। इसके पीछे का कारण है सत्ता परिवर्तन का रिवाज। प्रदेश में हर 5 साल में सत्ता बदल जाती है। ऐसे में पार्टी को लग रहा है कि वह राजस्थान की सत्ता में फिर से काबिज हो सकती है। वहीं कांग्रेस भी पिछले 5 साल से अंदरूनी गुटबाजी से जूझती रही है। इस हालात में पार्टी राज्य में अपनी जनाधार वाली नेता को साथ रखना चाहती है।

कर्नाटक में फेल रहा सीएम बदलने का फाॅर्मूला

पिछले कुछ सालों में पार्टी चुनावी राज्यों में चुनाव से पहले सीएम बदलती रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह जनता की नाराजगी है। लेकिन भाजपा का यह प्रयोग कर्नाटक में विफल रहा। इसलिए पार्टी को कर्नाटक चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। पार्टी में उनके कद का कोई नेता राज्य में नहीं था। कुछ ऐसे ही हालात वसुंधरा को लेकर प्रदेश मेें हैं। वसुंधरा की नाराजगी से पार्टी को प्रदेश में हार का सामना करना पड़ सकता है। वसुंधरा खेमा भी पार्टी हाईकमान से नाराज रहता है।

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First published on: Oct 25, 2023 07:57 AM

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