Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभ चुनाव 2023 के लिए भाजपा-कांग्रेस सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। इसके साथ ही हाड़ौती सभी 17 सीटों पर भी उम्मीदवार तय हो गए हैं। इस क्षेत्र की सबसे हाॅट सीट झालारापाटन हैं। यहां से प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सामने कांग्रेस ने रामलाल चौहान को मैदान में उतारा है। इससे पहले 2018 में पार्टी ने भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में गए जसवंत सिंह जसोल की बेटे मानवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया था।
शांति धारीवाल ने ली राहत की सांस
उधर कांग्रेस की अंतिम सूची में सीएम गहलोत के खास सिपहसालार शांति धारीवाल को टिकट मिल गया है। शांति धारीवाल पहली लिस्ट से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो गहलोत ने अपने खासम खास को टिकट दिलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। इस सीट से भाजपा ने प्रहलाद गुंजल को उम्मीदवार बनाया है। गुंजल पूर्व सीएम वसुंधरा के करीबी माने जाते हैं। वहीं कोटा दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस ने राखी गौतम को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से भाजपा से संदीप शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी। बता दें कि कोटा-बूंदी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का संसदीय क्षेत्र है।
भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए निम्नलिखित नामों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। pic.twitter.com/vVGo2KppOV
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) November 5, 2023
---विज्ञापन---
अशोक चांदना के सामने प्रभुलाल सैनी
कोटा की पीपल्दा सीट से कांग्रेस ने चेतन पटेल को नया प्रत्याशी बनाया है। उनके सामने भाजपा के प्रेमचंद गोचर चुनौती पेश करेंगेे। वहीं रामगंज मंडी से भाजपा ने दिग्गज मदन दिलावर को प्रत्याशी बनाया है वहीं इस सीट पर भी पार्टी ने महेंद्र रजुरिया को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बारां की किशनगंज से कांग्रेस ने निर्मला सहरिया को उम्मीदवार बनाया है। इनके सामने भाजपा के ललित सहरिया चुनौती पेश करेंगे। बूंदी की हिंडोली सीट से भाजपा के प्रभुलाल सैनी के सामने कांग्रेस ने युवा चेहरे और मंत्री अशोक चांदना को उतारा है। चांदना पिछले चुनाव में इसी सीट से जीते थे।
हाड़ौती में भाजपा भारी
बता दें कि हाड़ौती हमेशा से भाजपा का गढ़ रहा है। यहां विधानसभा की कुल 17 सीटें हैं। पार्टी ने 2018 में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि 7 सीटों पर कांग्रेस विजयी हुई थी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विकास कार्यों केे दम पर सत्ता में वापसी की दावेदारी कर रही है।