Mewaram Jain Rape Case Latest Update: राजस्थान में बाड़मेर से पूर्व विधायक रहे मेवाराम जैन की गिरफ्तारी पर रोक लग गई है। हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक को राहत देते हुए 22 जनवरी 2024 तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही पुलिस को पीड़िता को सुरक्षा प्रदान करने के आदेश दिए। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने आदेश देते हुए कहा कि 22 जनवरी तक मेवाराम की गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाती है। पुलिस पीड़िता को सुरक्षा दे और मेवाराम के खिलाफ दर्ज केस में गहन जांच करते हुए रिपोर्ट पेश करे। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रेम धनदे ने मामले की पुष्टि करते हुए जानकारियां दी। बता दें कि पूर्व विधायक मेवाराम पर दुष्कर्म करने के आरोप लगे हैं। उसके खिलाफ बुधवार शाम को एक महिला ने जोधपुर के राजीव गांधी नगर थाने में शिकायत देकर केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन मेवाराम ने अपने बचाव में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
Former Congress MLA Mewaram Jain gets relief from High Court in rape case
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दुष्कर्म और यौन शोषण करने के आरोप
पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 5 साल पहले पूर्व विधायक रामस्वरूप ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। करीब 3 साल तक वह उसका यौन शोषण करता रहा। इसके बाद उसने उसे पूर्व विधायक मेवाराम से मिलवाया, जिसने भी उसे रामस्वरूप वाला मामला लीक करने की धमकी देते हुए अपनी हवस का शिकार बनाया। दोनों ने उसे अपने साथियों को भी सौंपा था। इस बीच आरोपियों ने उसकी नाबालिग दोस्त से भी दुष्कर्म किया। यही नहीं उसकी नाबालिग बेटी से भी छेड़छाड़ की। परेशान होकर उसने पुलिस को शिकायत दी। आरोपियों के नाम बाड़मेर का पूर्व विधायक मेवाराम जैन, पूर्व विधायक रामस्वरूप आचार्य, RPS अधिकारी आनंद राज पुरोहित, बाड़मेर पुलिस थाना अधिकारी गंगाराम खावा, उप-निरीक्षक दाउद खान, बाड़मेर प्रधान गिरधर सिंह, बाड़मेर नगर पालिका के उप-सभापति सूरतान सिंह, प्रवीण सेठिया और गोपाल सिंह राजपुरोहित हैं। शिकायत में दोनों पूर्व विधायकों पर सामूहिक दुष्कर्म करने और अन्य के खिलाफ डराने-धमकाने, मारपीट करने, जबरन साइन कराकर ब्लैकमेलिंग करने की बात मनवाने और वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया है।
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जैन ने भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दी शिकायत
दूसरी ओर, मेवाराम ने अक्टूबर 2023 में कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत देकर ब्लैकमेल किए जाने का आरोप लगाया था। जांच के बाद 15 नवंबर को ED जयपुर ने मेवाराम की सेक्सटॉर्शन संबंधी शिकायत पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) का मामला दर्ज किया। सोशल मीडिया पर मेवाराम की कुछ तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिन्हें एडिटिड बताया गया। इसके बाद मेवाराम ने कोतवाली में FIR दर्ज करवाकर आरोप लगाया कि ब्लैकमेल किया जा रहा है। इसी FIR के आधार पर ED जांच कर ही है, क्योंकि प्राथमिक जांच में पता चला है कि मामले में करीब 5 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था। मेवाराम ने दयालराम पुत्र घेवरराम निवासी जोलियाली, शैलेंद्र अरोड़ा वकील और एक अन्य महिला सहित कुछ लोगों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है। आरोप है कि इनका एक गिरोह है, जिसने एडिटिड तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड की हैं। उसे धमकी दी है कि 10 लाख दे दो, नहीं तो रेप केस दर्ज करा देंगे। राजनीतिक करियर चौपट कर देंगे।
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