Organ Donation Young Man: कहा जाता है अंगदान सबसे बड़ा दान होता है। लोग अंगदान का फैसला बेहद सोच विचार कर करते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति के जाने के बाद अगर उसके अंग किसी अन्य व्यक्ति के काम आ जाएं तो इससे अच्छी कोई बात नहीं होती है, इसीलिए अंगदान को महादान कहा गया है। राजस्थान के जयपुर में अंगदान का एक मामला सामने आया है जहां जयपुर के धौलपुर निवासी अजीत पाल ने अपने जीवन के आखिरी पलों में महादान दिया और तीन लोगों को नई जिंदगी का उपहार दिया।
सड़क हादसे में गई जान
धौलपुर के निवासी अजीत सड़क दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। दरअसल 24 दिसम्बर 2023 शाम को अजीत नाहिला धौलपुर मे किसी रिश्तेदार के घर से आ रहा था। अचानक बाईक के सामने जानवर के आ जाने से असंतुलित होकर अजीत पाल गंभीर रूप से घायल हो गया। अजीत को आगरा के रेनबो अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए रेनबो अस्पताल से उन्हें 25 दिसंबर को सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में रेफर किया गया। डॉक्टर्स ने तमाम कोशिशों के बाद भी 1 जनवरी को उनकी मौत हो गई।
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55वां ऑर्गन डोनेशन को किया पूरा
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के चिकित्सकों की मेहनत के बावजूद अजीत की जान नहीं बच सकी जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने परिजनों से अंगदान करने के लिए कहा। इसके बाद, अजीत पाल के अंगदान की सहमति उनकी मां, पत्नी, और रिश्तेदारों से मिली। इसके बाद राजस्थान के ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन ने उनके अंगों का आवंटन किया। अजीत पाल की एक किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में और एक किडनी व लिवर संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पाताल में प्रत्यारोपित की गई। इस अद्वितीय महादान ने इस प्रदेश में 55वां ऑर्गन डोनेशन पूरा हुआ है परिवार द्वारा अंगदान करने के फैसले का हर कोई प्रशंसा कर रहा है। इस तरीके से अगर लोग अंगदान के लिए जागरूक होंगे तो दुनिया में कई लोगों को नई जिंदगी मिल सकेगी।