Jaipur News: जयपुर के मानसरोवर ग्राउंड में रविवार को एससी-एसटी की महापंचायत का आयोजन किया गया। महांपचायत में एससी-एसटी समुदाय के मंत्री और विधायक भी बड़ी संख्या में जुटे। इस दौरान मंत्रियों के बोलने को लेकर विवाद शुरू हो गया।
बीच में टोकने से नाराज हुए मंत्री
महापंचायत में राजस्थान सरकार में आपदा और राहत मंत्री गोविंद मेघवाल, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली समेत कई विधायक मौजूद रहे। इस दौरान केबिनेट मंत्री गोविंद मेघवाल ने अपना भाषण शुरू किया तो आयोजकों ने उन्हें दो मिनट में ही भाषण समाप्त करने को कहा। बीच में टोकने पर मेघवाल के मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि जब बात ही पूरी नहीं रख सकते तो फिर मतलब ही क्या है।
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— कैलाश हीराणी (@kailash_heerani) April 2, 2023
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आयोजकों द्वारा बीच में टोकने से नाराज मंत्री मंच से नीचे उतरे और कार्यक्रम छोड़कर चले गए। मेघवाल के महापंचायत छोड़ने के बाद मंत्री ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली भी महापंचायत बीच में छोड़कर बिना भाषण दिए चले गए। मंत्रियों के मंच छोड़ते ही कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
भारत बंद के दौरान दर्ज किए मुकदमे वापस ले सरकार
कार्यक्रम के दौरान जीएल वर्मा ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एससी-एसटी के लोगों पर 322 एफआईआर दर्ज हुई थी। सरकार ने मुकदमे वापस लेने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ।
बता दें कि विधानसभा चुनावों से पहले एससी-एसटी ने पेंडिंग मांगों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। महापंचायत में दलित और आदिवासी समुदाय के नेताओं ने मांगों का समाधान नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कार्यक्रम के दौरान नेताओं ने कहा कि दलित और आदिवासियों के वोट सबको चाहिए, लेकिन उनकी मांगों का समाधान नहीं किया जाता है।
(Xanax)
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