Jaipur News: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सीएम गहलोत ने अपने बजट में भी लोक-लुभावन घोषणाएं की थी। इसी क्रम में सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा निर्णय लेते हुए कर्ज में डूबे किसानाें को राहत देने के लिए एक कानून लाने की योजना बना रही है।
सरकार बनाएगी आयोग
सूत्रों की मानें तो सरकार ने इसके लिए एक सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग बनाने जा रही है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर वह सभी छोटे और सीमांत किसानों के ऋण माफ कर देगी। लेकिन चुनाव जीतने के बाद गहलोत सरकार इस वादे को पूरा नहीं कर सकी। लेकिन चुनाव नजदीक आते देख और विपक्ष की घेरेबंदी को देखते हुए सरकार ने अब यह फैसला किया है।
किसानों को मिले कुर्की के नोटिस
पिछले चार वर्षों में अनेक किसानों को कर्ज नहीं चुकाने के कारण कुर्की का नोटिस दिया जा चुका है। जिसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर भी रहा है। अधिकारियों की मानें तो छोटे और सीमांत किसानों को कर्ज से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कानून किसानों को कर्ज के बोझ से राहत दिलाने के लिए लाया जा रहा है।
विस्तृत कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश
सीएम ने सहकारिता विभाग को राजस्थान किसान ऋण राहत एक्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो साल 2023-24 में कुल 22 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए एपेक्स बैंक के निदेशक को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए है।