जयपुर से केजे श्रीवत्सन की रिपोर्टः सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, जयपुर (राजस्थान) ने दो उप-डाकपालों एवं निजी व्यक्ति को दो अलग-अलग मामलों में चार वर्ष की साधारण कारावास के साथ प्रत्येक पर प्रति केस 02 लाख रु.(अर्थात कुल 8 लाख रु. का जुर्माना) के जुर्माने की सजा सुनाई।
पहला मामला
डाक अधीक्षक, धौलपुर संभाग, धौलपुर (राजस्थान) की शिकायत पर दिनांक 29.09.2017 को दर्ज किया गया। जिसमें आरोप है कि श्री बहादुर सिंह ने वर्ष 2010-11 की अवधि के दौरान उप-डाकपाल, उप-डाक घर, सब्जीमंडी, धौलपुर के रूप में करते हुए, श्री पंकज कुमार सिंघल (निजी व्यक्ति) के साथ षड्यंत्र रचा।
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आगे ऐसा आरोप है कि आरोपियों ने खाताधारकों की 04 मूल पासबुक प्राप्त की एवं निकासी प्रपत्रों/खाता बंद करने वाले प्रपत्रों पर खाताधारकों के जाली हस्ताक्षर किए तथा 04-खातों के एमआईएस/एसबी खातों से राशि निकाल ली। इससे डाक विभाग को 11,46,080/- रु. की हानि हुई।
जाँच के पश्चात, दिनांक 03.01.2018 को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, जयपुर की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया। आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 29.11.2018 को आरोप तय किए गए।
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दूसरा मामला
डाकघर के अधीक्षक, धौलपुर मंडल, धौलपुर (राजस्थान) की शिकायत के आधार पर दिनांक 29.09.2017 को दर्ज किया गया। जिसमें आरोप है कि वर्ष 2013-14 की अवधि के दौरान श्री रघुबर दयाल शर्मा, तत्कालीन उप-डाकपाल ने श्री पंकज कुमार सिंघल (निजी व्यक्ति) के साथ मिलकर षडयंत्र किया एवं उन्होंने 05 खाताधारकों की मूल पासबुक प्राप्त की और निकासी प्रपत्रों/खाता बंद करने वाले प्रपत्रों पर खाताधारकों के रूप में जाली हस्ताक्षर करके 05 एमआईएस/एसबी खातों से राशि निकाली। इससे डाक विभाग को 15,85,730/- रु. की हानि हुई।
जाँच के पश्चात, दिनांक 04.01.2018 को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत, जयपुर में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया। आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 29.11.2018 को आरोप तय किए गए।