जयपुर: सीएम गहलोत ने मानगढ़ धाम पर हुए बलिदान की 109वीं बरसी पर केंद्र से बड़ी मांग कर डाली। सीएम गहलोत ने कहा कि यह बलिदान देश की आजादी में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान का प्रतीक है। मानगढ़ धाम आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति एवं वीरता के लिए प्रेरित करता रहेगा। हमें आशा थी कि 1 नवंबर की सभा में प्रधानमंत्री मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की हमारी बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करेंगे परन्तु ऐसा नहीं हुआ। मैं आज पुन: केन्द्र सरकार से मांग करता हूं कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए।
आज मानगढ़ धाम पर हुए बलिदान की 109वीं बरसी है। यह बलिदान देश की आजादी में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान का प्रतीक है। मानगढ़ धाम आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति एवं वीरता के लिए प्रेरित करता रहेगा।
---विज्ञापन---— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 17, 2022
बता दें कि सीएम गहलोत ने इससे पहले भी प्रधानमंत्री को दो बार पत्र लिखकर राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने की मांग की थी।
राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 550 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल जिला बांसवाड़ा और जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर मानगढ़ धाम स्थित है। मानगढ़ धाम गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा के नजदीक है। गुजरात में अभी चुनाव होने हैं, जबकि मध्य प्रदेश में अगले साल होंगे। ऐसे में विरोधी इसके कुछ राजनीतिक मायने भी निकाल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया। 17 नवंबर 1913 को श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाईं, जिससे मानगढ़ नरसंहार हुआ जहां लगभग 1500 आदिवासी शहीद हुए।