जयपुर: कुछ दिन बाद राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा प्रवेश करने वाली है, इससे पहले एक ओर सियासी धमाका हुआ है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है। अजय माकन ने प्रभार छोड़ने की पेशकश करते हुए 25 सितम्बर को विधायक दल की बैठक रद्द होने की घटना को आधार बनाया है। माकन ने कहा कि वे अब आगे दिल्ली में पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं।
अपने पत्र में अजय माकन ने लिखा है कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है और इस महीने उपचुनाव भी है ऐसे में जल्दी से जल्दी राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी को नियुक्त किया जाना बेहतर होगा।
Congress General Secretary and in-charge of Rajasthan Congress, Ajay Maken writes to Congress President Mallikarjun Kharge expressing his unwillingness to continue as in-charge of Rajasthan
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---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 16, 2022
25 सितम्बर की घटना को बनाया आधार
बता दें अजय माकन ने राजस्थान कांग्रेस का प्रभार छोड़ने की पेशकश करते हुए 25 सितम्बर की घटना को आधार बनाया है। 25 सितंबर को कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक बनकर जयपुर आए थे, जहां अशोक गहलोत गुट की ओर से बैठक रद्द होने के बाद माकन ने अनुशासनहीनता मानते हुए 3 नेताओं के खिलाफ आलाकमान को एक रिपोर्ट दी थी।
भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी किसी ओर को देने से नाराज
इस नोटिस के बाद बाद कांग्रेस आलाकमान की ओर से तीनों नेताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। हालांकि तीनों नेताओं के खिलाफ अभी तक पार्टी की ओर से कोई किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया है। बल्कि गहलोत खेमे के नेताओं ने अजय माकन पर पायलट की ओर से बैटिंग करने के संगीन आरोप भी लगाए थे।
गौरतलब है कि अजय माकन सितंबर महीने में हाईकमान का नए सीएम के पद को लेकर 1 लाइन का प्रस्ताव पारित कराने आए थे और CLP की बैठक बुलाई थी, लेकिन अशोक गहलोत समर्थक विधायकों ने इस कदर बगावत की की कोई भी उनके द्वारा बुलाई गई सीएलपी की बैठक में गया ही नहीं। यहां तक कि गहलोत समर्थक कई मंत्री और विधायकों ने खुलकर अजय माकन पर सचिन पायलट के पक्ष में काम करने का आरोप भी लगाया था इसी से अजय माकन ने आहत होकर यह पत्र लिखा है।
मालूम हो कि इससे पहले दिल्ली में मल्ल्किार्जुन खरगे के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालते ही कांग्रेस के सभी सीडब्ल्यूसी सदस्यों, महासचिवों, प्रभारियों ने इस्तीफे दे दिए थे। इनमे राजस्थान से सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने भी इस्तीफा सौंपा था।
25 सितंबर को हुई थी ये घटना
गौरतलब है कि 25 सितंबर को कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा करने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में शामिल होने की जगह विधायक मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर जुट गए थे। जहां गहलोत गुट के मंत्री और विधायकों ने सचिन पायलट के सीएम बनाए जाने का विरोध किया था। बाद में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया था।