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AI टेक्निक वाले कैमरे से पकड़े जा रहे बदमाश; यूपी, पंजाब, बिहार के बाद अब राजस्थान करेगा यूज, जानें ये कैसे करता है काम?

AI Technology Camera Helped Catch Criminals: उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब के बाद अब राजस्थान पुलिस अब AI टेक्निक वाले कैमरों के जरिए अपराधियों को दबोचेगी। कहा जा रहा है कि राजस्थान के शहरों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक वाले कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों के जरिए फेस रिकग्निशन (चेहरा पहचानने) वाले ऐप को […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Sep 10, 2023 11:23
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AI Technology Camera Helped Catch Criminals

AI Technology Camera Helped Catch Criminals: उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब के बाद अब राजस्थान पुलिस अब AI टेक्निक वाले कैमरों के जरिए अपराधियों को दबोचेगी। कहा जा रहा है कि राजस्थान के शहरों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक वाले कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों के जरिए फेस रिकग्निशन (चेहरा पहचानने) वाले ऐप को जोड़ा जाएगा, जिससे बदमाशों को पकड़ने में मदद मिलेगी।

बता दें कि राजस्थान पुलिस ने जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में हाल ही में AI टेक्निक वाले कैमरों का ट्रायल रन किया और इसी दौरान करीब 13 बदमाशों को पकड़ लिया गया।

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AI टेक्निक पर बेस्ड कैमरा कैसे करता है काम?

चौक-चौराहों, जहां भी AI टेक्निक वाला कैमरा लगाया गया है, वहां से सीसीटीवी फुटेज मेन सर्वर तक पहुंचता है। इसके बाद फेस रिकग्निशन वाला ऐप पहले से अपलोड तस्वीरों से चेहरों का मिलान करता है। कहा जा रहा है कि चंद सेकंड में ही ये ऐप AI की मदद से अपराधी का चेहरा पहचान लेता है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के मुताबिक, राजस्थान पुलिस ने पहली बार इस ऐप का यूज किया है। उन्होंने बताया कि राज्य की पुलिस के पास अपराधियों का डेटा (फोटो, फिंगर प्रिंट, रेटिना, आदी) मौजूद है। Face Recognition App का ट्रायल रन के दौरान यूज किया गया था। इसी की मदद से वहां 13 अपराधियों को धर दबोचा गया।

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एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कुंवर राष्ट्रदीप के मुताबिक, फेस रिकग्निशन सिस्टम से जो परिणाम मिले हैं, वो काफी संतोषजनक हैं। भविष्य में होने वाले विरोध प्रदर्शनों, रैलियों, मंदिरों में दर्शन समेत अन्य भीड़ वाले इलाकों में इस तरह के कैमरे का यूज किया जाएगा।

राजस्थान पुलिस को कैसे आया ये आइडिया? 

जानकारी के मुताबिक, पहली बार 2018 में AI ने अलवर हुई मॉब लिंचिंग केस को सुलझाने में मदद की थी। इस दरौान राजस्थान पुलिस ने दिल्ली की एक कंपनी को ट्रायल बेस के लिए हायर किया था। इसके बाद पुलिस को लगा कि ये तकनीक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है।

बता दें कि पंजाब पुलिस पहले से इस टेक्निक पर बेस्ड PAIS (पंजाब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम) नाम के ऐप का यूज कर रही है। पंजाब के अलावा यूपी पुलिस भी इस तकनीक को अपना रही है, जिसे त्रिनेत्रा (TRINETRA) नाम दिया गया है। वहीं, बिहार पुलिस इसे चक्र (Chakra) से यूज कर रही है। इसके अलावा तेलंगाना राज्य चुनाव आयोग ने सही वोटरों की पहचान के लिए फेस रिकॉग्निशन ऐप का इस्तेमाल किया था। वहीं दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी इस तकनीक का यूज किया जा रहा है।

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Edited By

Om Pratap

First published on: Sep 10, 2023 11:23 AM

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