जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम का दौरा करेंगे। आज मन की बात कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी है। वह स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों और शहीदों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित हो रहे सार्वजनिक कार्यक्रम ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ में शामिल होंगे। पीएम मोदी की यात्रा को देखते हुए प्रदेश भाजपा तैयारियां को अंतिम रूप देने में लगी हुई है, वहीं राजस्थान का प्रशासन भी इस दौरे को लेकर सतर्क है।
प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि देंगे और भील आदिवासियों तथा क्षेत्र के अन्य आदिवासी समुदाय के लोगों की जनसभा को भी संबोधित करेंगे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों को याद करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें 15 नवंबर (बिरसा मुंडा की जयंती) को ‘जनजाति गौरव दिवस’ के रूप में घोषित करना भी शामिल है।
बता दें कि राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 550 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल जिला बांसवाड़ा और जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर मानगढ़ धाम स्थित है। मानगढ़ धाम गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा के नजदीक है। गुजरात में अभी चुनाव होने हैं, जबकि मध्य प्रदेश में अगले साल होंगे। ऐसे में विरोधी इसके कुछ राजनीतिक मायने भी निकाल रहे हैं।
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी के 1 नवंबर को मानगढ़ धाम के प्रस्तावित दौरे से पहले मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने की मांग रखी है। सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को दो बार पत्र लिखकर राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया। 17 नवंबर 1913 को श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाईं, जिससे मानगढ़ नरसंहार हुआ जहां लगभग 1500 आदिवासी शहीद हुए।