नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात बड़ा ऐलान किया। सीएम ने फ्यूल सरचार्ज पर बड़ा फैसला लिया है। गहलोत ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा- महंगाई राहत शिविरों के अवलोकन और जनता से बात करने पर फीडबैक आया कि बिजली बिलों में मिलने वाली स्लैबवार छूट में थोड़ा बदलाव किया जाए। मई महीने में बिजली बिलों में आए फ्यूल सरचार्ज को लेकर भी जनता से फीडबैक मिला जिसके आधार पर बड़ा फैसला किया है। इसके बाद सीएम ने ये घोषणाएं कीं:
– 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग वालों का बिजली बिल शून्य होगा। उन्हें पूर्ववत कोई बिल नहीं देना होगा।
– 100 यूनिट प्रतिमाह से ज्यादा उपभोग करने वाले वर्ग के परिवारों को भी पहले 100 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी यानी कितना भी बिल क्यों ना आए, पहले 100 यूनिट का कोई भी विद्युत शुल्क नहीं देना होगा।
– खासकर मध्यम वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए 200 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को पहले 100 यूनिट बिजली फ्री के साथ 200 यूनिट तक के स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज एवं तमाम अन्य शुल्क माफ होंगे एवं इनका भुगतान राज्य सरकार करेगी।
महंगाई राहत शिविरों के अवलोकन व जनता से बात करने पर फीडबैक आया कि बिजली बिलों में मिलने वाली स्लैबवार छूट में थोड़ा बदलाव किया जाए.
– मई महीने में बिजली बिलों में आए फ्यूल सरचार्ज को लेकर भी जनता से फीडबैक मिला जिसके आधार पर बड़ा फैसला किया है.
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– 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली… pic.twitter.com/z27tJRuyaf— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 31, 2023
क्यों लिया गया फैसला
राजस्थान में फ्यूल सरचार्ज सरकार का सिरदर्द बनता जा रहा था। बिल में 100 यूनिट की छूट के बावजूद फ्यूल सरचार्ज के तौर पर राशि वसूली जा रही थी। जिसके तहत कई शिकायतें मिलीं। इसके बाद सरकार ने 100 यूनिट तक के पूरे बिल को शून्य करने का फैसला ले लिया है।
महंगे कोयले की वजह से वसूला जा रहा था फ्यूल सरचार्ज
कुछ समय पहले राजस्थान में बिजली की दर बढ़ाई गई थीं। ऐसे में बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूला जाना तय हुआ। इसके तहत अगले तीन महीने तक उपभोक्ताओं को बढ़ा हुआ ही बिल देना था। सरकार ने तीन महीने के लिए 45 पैसे प्रति यूनिट की दर से फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया था। हर बिजली उपभोक्ता को 100 यूनिट पर 45 रुपये अतिरिक्त देने थे। दरअसल, फ्यूल सरचार्ज का पैसा बिल में जुड़कर आता है। सरकार का तर्क था कि यह फ्यूल सरचार्ज महंगी दरों पर खरीदे गए कोयले की वजह से वसूला जा रहा है।