जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में फिर से एक बार प्रशासन की पोल खुलती हुई नजर आ रही है। जिले में भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के सामने एक बुजुर्ग की स्कूटी चलते-चलते सड़क पर बने 5 फिट गहरे गड्डे में धंस गई। स्कूटी पर सवार बुजुर्ग को लोगों ने बमुश्किल बचाया। यह हादसा आज शनिवार दोपहर वीर दुर्गादास ओवरब्रिज पर हुआ है। गनीमत है की इस हादसे में बुर्जुर्ग सकुशल निकाल लिया गया। हादसे में उन्हें हल्की चोट आई है।
इसके बाद हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस भी पहुंची। पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के सामने उनके आगे एक ट्रक चल रहा था। अचानक ट्रक के दबाव से सड़क धंस गई। उन्होंने स्कूटर रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक वह स्कूटर सहित गड्ढे में चले गए। इस दौरान आस-पास के लोगों ने उन्हें निकाल लिया। बुजुर्ग का कहना था कि यह परेशानी लंबे समय से बनी हुई है। लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे एसीपी चक्रवर्ती सिंह ने बताया कि इस सड़क पर लगातार धंसने की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस समस्या की सूचना दी गई है। साथ ही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही गई है। ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हों।
वहीं इस मामले को लेकर ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने भी प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि, “जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी का शहर जहा इंजीनियरों की लापरवाही से सड़क मे स्कूटी ही अंदर समा गई। मामला भगत की कोठी-बासनी रोड का है। इस घटना में एक बुजुर्ग चोटिल हुआ। क्या लापरवाह अधिकारियों व ठेकेदार पर गाज़ गिरेगी ?”
#जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी का शहर जहा इंजीनियरों की लापरवाही से सड़क मे स्कूटी ही अंदर समा गई।
मामला भगत की कोठी-बासनी रोड का है। इस घटना में एक बुजुर्ग चोटिल हुआ। क्या लापरवाह अधिकारियों व ठेकेदार पर गाज़ गिरेगी ? @RajCMO @ashokgehlot51 @JodhpurDm pic.twitter.com/u9IkmCSTHt— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) September 24, 2022
इसके अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और विपक्ष के नेता सतीश पूनिया ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “मुख्यमंत्री जी के गृह ज़िले की यह तस्वीर राज्य की कांग्रेस सरकार की 2023 में दुर्दशा की भावी तस्वीर है।”
बता दें कि 24 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर की खराब सड़कों और प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे बांटने में लारपवाही बरतने वाले अफसरों को सार्वजनिक रूप से जमकर फटकार लगाई थी।