Gadar 2 Boycott, गुरदासपुर: सन्नी देओल की बहुप्रतीक्षित फिल्म गदर 2 भले ही एडवांस बुकिंग के रिकॉर्ड तोड़ रही हो, पर एक सच्चाई यह भी है कि लोग तारा सिह की सूरत नहीं देखना चाहते। दरअसल, नेता बनने के बाद अभिनेता सन्नी देओल ने गुरदासपुर लोकसभा हलके में सूरत नहीं दिखाई और अब इसी बात को लेकर इलाके की जनता खासी नाराज है। लोगों ने साफ कर दिया है कि वो तारा सिंह को देखकर खुश नहीं हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को शहर के युवाओं ने फिल्म गदर 2 के पोस्टर जलाए और पंजाब के लोगों से इस फिल्म को नहीं देखने की अपील की। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि कुछ ऐसे कानून बनाए जाएं कि अगर कोई सैलिब्रिटी राजनीति में आता है और वह अपने हलके के लोगों को समय नहीं दे पाते तो उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।
ध्यान रहे, पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा हलके से पर ज्यादातर कॉन्ग्रेस पार्टी का ही कब्जा रहा है, जिसे खत्म करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फिल्म कलाकार विनोद खन्ना को मैदान में उतारा। विनोद खन्ना चार बार इस संसदीय क्षेत्र से सांसद बने। 2017 में उनके निधन के बाद पार्टी ने कारोबारी स्वर्ण सलारिया को उपचुनाव में मैदान में उतारा, लेकिन वह कॉन्ग्रेस के तत्कालीन प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के मुकाबले बड़े अंतर से हारे।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अजय सिंह देओल उर्फ सन्नी देओल के रूप में एक और फिल्म कलाकार पर भरोसा जताया। जनता जनार्दन ने भी उन्हें जिताकर संसद भेज दिया, लेकिन इसके बाद से ही सांसद सन्नी देओल विरोधियों के निशाने पर हैं। पहले कई बार गुरदासपुर लोकसभा हलके में सांसद सन्नी देओल की गुमशुदगी के पोस्ट लग चुके हैं, वहीं अब जबकि वह अपनी फिल्म गदर के सीक्वल को लेकर लोगों से आस लगाए बैठे हैं तो लोग उनसे खफा-खफा नजर आ रहे हैं। खासकर युवाओं ने सन्नी देओल विरोध करना शुरू कर दिया है।
फिल्म के बहिष्कार की बातें खुलेआम हो रही हैं। मंगलवार को शहर के युवाओं ने सन्नी देओल की फिल्म गदर 2 के पोस्टर जलाए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सन्नी देयोल अपनी नई फिल्म गदर 2 के प्रोमोशन के लिए अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर भी गए, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जाकर भी गरजे, लेकिन 30 किलोमीटर की दूरी तय करके एक बार भी लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर में कदम नहीं रखा।
इस मामले पर बात करते हुए नौजवान अमरजोत सिंह और नौजवान अमृतपाल ने कहा कि राजनीति के जरिये सन्नी देओल खुद को सच्चा हीरो साबित कर सकते थे, लेकिन सन्नी देओल ने लोगों को ही धोखे में रखा। कुछ समय पहले सनी देओल के लापता होने के पोस्टर लगाकर उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र के लोगों में उनके प्रति बढ़ते गुस्से का अहसास कराने की कोशिश की थी, लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ।