SAD candidate Virsa Singh Valtoha: असम जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की मां ने ऐलान किया था कि बेटा खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ेगा। लेकिन अब उम्मीदवारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अकाली दल के खडूर साहिब लोकसभा सीट से उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा ने उसकी दावेदारी को लेकर पूछा है कि क्या अब वो भारतीय संविधान को मानेगा? लोकसभा चुनाव को लेकर पंजाब में माहौल अब धीरे-धीरे गर्म होने लगा है। चुनाव में अब खालिस्तानी रंग भी भरने लगा है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की मां ने बेटे के लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया है। जिसके कारण सोशल मीडिया पर अब अमृतपाल की चर्चा होने लगी है।
Big Breaking: Amritpal Singh will contest the Lok Sabha election from Khadoor Sahib as an independent candidate. His mother, Balwinder Kaur, issued the statement and said that Amritpal Singh agreed to contest the election due to the demand of his followers. pic.twitter.com/CINjywyd4g
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वहीं, अकाली दल पर दवाब बनाया जाने लगा है कि वो अमृतपाल के समर्थन का ऐलान करे। इससे पहले अकाली दल ने बयान जारी किया था कि वह जल्द खडूर साहिब से अपने उमीदवार का ऐलान कर देगा। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने बिना देरी किए उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा को घोषित कर दिया। खडूर साहिब लोकसभा सीट पंथक मानी जाती है। यहां पर धर्मिक डेरों का काफी ज्यादा असर रहता है। 2019 में इस सीट को कांग्रेस के जसबीर सिंह डिंपा ने जीता था।
अबकी बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है। इस सीट में सुल्तानपुर लोधी, जीरा, जंडियाला, बाबा बकाला, कपूरथला, तरनतारन, खेमकरण, पट्टी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिस तरह से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को आजाद उमीदवार बनाए जाने की घोषणा उसकी माता ने की है। उसके बाद शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ जो वायदे अमृतपाल के परिवार ने किए थे, उनको अब पूरा करे। उनको कहा गया था कि यदि वो चुनाव लड़ते हैं, तो अमृतपाल सिंह नहीं लड़ेगा। अब परिवार फैसला करे।
ਭਾਈ ਅੰਮ੍ਰਿਤਪਾਲ ਸਿੰਘ ਜੀ ਚੋਣਾਂ ਵਿੱਚ ਖੜੇ ਹੋ ਗਏ
ਖਡੂਰ ਸਾਹਿਬ ਵਾਲਿਓ ਵੱਧ ਚੜ ਕੇ ਸਪੋਰਟ ਕਰੋ ਭਾਈ ਅੰਮ੍ਰਿਤਪਾਲ ਸਿੰਘ ਜੀ 🙏#Amritpal #Election2024 #amritpalsingh pic.twitter.com/zFcyfm60wX
— Tara Singh (@aslitarasingh) April 26, 2024
क्या अब पंजाब के दर्द पर हो गया है फोकस?
वल्टोहा ने कहा कि कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं। जिस भारतीय संविधान को लेकर अमृतपाल बड़े-बड़े ऐलान कर रहा था, क्या अब वो भारत के संविधान को मानेगा? क्या उसने अब खालिस्तान की जगह पर पंजाब के दर्द को अपना लिया है? इसका मतलब है अब अमृतपाल का फोकस पंजाब के दर्द पर केंद्रित हो गया है। पहले वह इंडियन पासपोर्ट को सिर्फ ट्रैवल डॉक्यूमेंट कहता था। अब क्या वो इंडियन पासपोर्ट का समर्थन करेगा? वहीं, शिरोमणि अकाली दल का एजेंडा साफ है कि वो पंजाब की भाईचारक सांझ के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा। किसी को भी पंजाब के भाईचारे में दरार डालने की इजाजत नहीं देगा।