(नरेंद्र नंदन, जालंधर)
रूस और यूक्रेन जंग को शुरू हुए 3 साल से ज्यादा का समय हो गया है। इन दोनों देशों की जंग में कई भारतीय लोग रूसी आर्मी में भर्ती किए गए, जिसमें से कई लापता हैं। पंजाब के जालंधर और यूपी के आजमगढ़ से अपनों की तलाश में गए भारतीय पारिवारिक सदस्य वापस भारत लौट आए हैं। 3 अप्रैल को जगदीप अपने भाई को रूस में ढूंढने गए थे, जो अब जालंधर वापस लौट आए हैं। उन्होंने वापस आकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जगदीप ने कहा कि इमिग्रेशन के पास सिर्फ यही जानकारी है कि आर्मी में जितने भारतीय फंसे हैं, उनमें से उसका भाई मनदीप मिसिंग है। जानिए जगदीप ने क्या-क्या खुलासे किए?
भाई को खोजने गए थे जगदीप
जालंधर के जगदीप रूस में फंसे अपने भाई को तलाशने के लिए रूस गए थे। उन्होंने बताया कि ‘रूस में उनकी इंडियन एंबेसी ने किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की। वह किसी से सही तरह से बात भी नहीं करते। वहां पर रहना, खाना और भाई को ढूंढना इतना मुश्किल रहा कि वह इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता।’ जगदीप ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के खान भाई ने और उनकी पत्नी (रशियन) ने काफी मदद की। वहीं, अमृतसर की परमिंदर कौर के पति तेजपाल भी रूस में मिसिंग हैं, वह भी एक बार रशिया जा चुकी हैं। इस दौरान परमिंदर कौर ने ही खान का नंबर मदद के लिए दिया था।
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जगदीप का कहना है कि ‘जो मदद इंडियन एंबेसी ने करनी थी, वह मदद खान भाई ने की। इस दौरान पता चला कि मनदीप 21 जनवरी 2024 को मिसिंग हुआ है। भाई को ढूंढने के लिए पीटर से 700 किलोमीटर दूर हेडक्वार्टर में भाई की मदद के लिए पत्र लेकर उनके पास गए। वहां उन्होंने भाई की ज्वाइनिंग होने से साफ मना कर दिया।
सरकार की मदद चाहिए
जगदीप का कहना है कि ‘इंडिया की सरकार को मदद करना काफी जरूरी है। लोहांस और डोहांस में भाई की ट्रेनिंग हुई है, जहां कमांडर ने उन्हें बुलाया था, लेकिन वीजा उनके पास सिर्फ एक महीने का था। राजस्थान का सुमित ठग ट्रेवल एजेंट है और दुशंत का वहां पर ओ इंडिया होटल है।’ उन्होंने बताया कि ‘एक सुल्तान नाम का एजेंट है, यह दोनों कोलकाता के हैं और वहां पर ही रह रहे हैं। इन सभी ने ही भारतीयों को आर्मी में भर्ती करवाया है। इन तीनों के खिलाफ एंबेसी में शिकायत दर्ज करवाकर आए हैं और रूस पुलिस स्टेशन में भी शिकायत देकर आए हैं।’
कितने लोग मिसिंग?
जगदीप ने बताया कि 14 लोग अभी मिसिंग हैं। उन्होंने कहा कि 3 महीने का वीजा अप्लाई किया था, लेकिन एक महीने का वीजा मिला था। ऐसे में वह फिर से एक बार रूस अपने भाई को ढूंढने के लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ‘रूस सरकार ने कहा कि मिसिंग भाई के जो फंड हैं, वह उसकी मां के खाते में आ जाएगा। इस पर मनदीप की मां का कहना है कि ‘जगदीप की मदद से एक बार फिर से उम्मीद जगी है। जल्द छोटे बेटे के बारे में पता लग जाएगा।’ वहीं, जगदीप की पत्नी ने कहा कि ‘जब जगदीप रूस में गया था, तो वहां से एक दिन जगदीप का फोन नहीं आया। इस दौरान परिवार काफी परेशान हो गया था।’
उन्होंने कहा कि ‘जगदीप के पास कम समय का वीजा था, अगर कुछ समय वीजा और मिलता, तो वह देवर को साथ लेकर आते। अब जगदीप जो जानकारी रूस से लेकर आए हैं, उससे उम्मीद है कि वह जल्द दोबारा रूस जाकर अपने भाई को वापस लाएंगे।’
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