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जब रवनीत बिट्टू और अमरिंदर वरिंग के बीच राजनाथ आ गए… लोकसभा में बिगड़ गए थे ‘हालात’, जानिए क्या था विवाद

Ranveet Bittu News: रवनीत बिट्टू केंद्रीय मंत्री हैं। लेकिन उनके बयानों से लगातार विवाद पैदा हो रहा है। बीजेपी में आने के बाद वे लगातार राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने रवनीत बिट्टू को आस्तीन का सांप कहा है।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Sep 16, 2024 12:45
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Amit Shah-Ravneet Singh Bittu friendship
Amit Shah-Ravneet Singh Bittu friendship

Ranveet Bittu News: राज्यसभा सांसद और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने राहुल गांधी को सबसे बड़ा आतंकी बताकर सियासत गर्मा दी है। बिट्टू के इस बयान पर कांग्रेस नेता आग बबूला हैं। पार्टी की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि रवनीत बिट्टू सत्ता के लालच में विरोधियों की गोदी में बैठकर सस्ते बयान दे रहा है। उन्होंने कहा कि बिट्टू ने अपना पूरा करियर राहुल गांधी के आगे पीछे घूमकर बनाया है। वहीं भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि किसी भी मंत्री का वक्तव्य पूरी कैबिनेट का बयान माना जाता है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने भागलपुर में राहुल गांधी को आतंकवादी कहा। इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट से उनकी बर्खास्तगी के साथ ही प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए।

दरअसल रवनीत बिट्टू बीजेपी में आने से पहले कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे। उन्हें राहुल गांधी का करीबी कहा जाता था। दरअसल कांग्रेस में रहते हुए ही रवनीत बिट्टू ने किसान आंदोलन के समय पीएम मोदी से मुलाकात की थी, तब बिट्टू की मुलाकात पर सवाल उठे थे। लोकसभा चुनावों से पहले रवनीत बिट्टू ने भाजपा ज्वॉइन कर ली।

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रवनीत बिट्टू पंजाब से तीन बार के सांसद रहे और 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के खिलाफ लुधियाना से जीत हासिल की थी। बिट्टू ने 2019 के चुनाव में भी लुधियाना से अपना परचम लहराया और दोनों चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। बिट्टू की राहुल गांधी से करीबी को ऐसे समझिए कि बंगाल चुनाव के दौरान जब अधीर रंजन चौधरी बंगाल के चुनाव में व्यस्त थे, राहुल गांधी ने बिट्टू को लोकसभा में कांग्रेस का नेता बनाया।

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अब सवाल ये है कि बिट्टू बीजेपी में क्यों गए… दरअसल लुधियाना में बीजेपी की चुनावी हालत बेहद खराब थी। 2014 के चुनाव में अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन था, फिर भी बीजेपी इस सीट से तीसरे नंबर पर रही और बिट्टू ने चुनाव जीता। 2019 में बिट्टू ने दोबारा जीत हासिल कर अपना दबदबा दिखाया। यही वजह रही कि बीजेपी ने 2024 के चुनाव में बिट्टू का अपने साथ कर लिया।

खालिस्तानियों ने बिट्टू के दादा को मारा

रवनीत सिंह बिट्टू के दादा को खालिस्तानी आतंकियों ने बम से उड़ा दिया था। 31 अगस्त 1995 को खालिस्तानी आतंकियों ने बेअंत सिंह की कार पर बम से हमला किया था। बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक मुख्यमंत्री रहे थे।

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रवनीत बिट्टू ने 2009 के चुनाव में आनंदपुर साहिब से राजनीति में कदम रखा। पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में पंजाब के युवाओं में मादक पदार्थों की लत के खिलाफ बिट्टू ने अभियान शुरू किया था। हालांकि 2014 में सीट बदलकर लुधियाना आ गए। लोकसभा चुनाव 2014 के साथ 2019 का चुनाव भी बिट्टू ने लुधियाना से जीता। रवनीत बिट्टू के भाई गुरकिरत कोटली पंजाब की पूर्व चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में मंत्री रहे थे। 2022 में गुरकिरत कोटली विधानसभा का चुनाव हार गए।

2024 में रवनीत बिट्टू को मिली मात

2024 के लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वरिंग ने लुधियाना में करारी मात दी। बिट्टू के बयान पर वरिंग ने कहा, ‘…उस व्यक्ति को शर्म आनी चाहिए, उसे तीन बार सांसद बनाया गया। उसे कुछ नहीं आता था, लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी ने उसे तीन बार सांसद बनाया और आज वह कहता है कि राहुल गांधी आतंकवादी हैं। आपके कहने से राहुल गांधी आतंकवादी नहीं बन जाएंगे, लेकिन देश की जनता को आपकी मानसिकता के बारे में पता चल रहा है कि आप कितने एहसान फरामोश हैं कि अपने आकाओं को खुश करने के लिए कुछ भी कह रहे हैं… ऐसी राजनीति अच्छी नहीं है, लोग इसे विश्वासघात, एहसान फरामोशी कहते हैं…’

राहुल गांधी से पहले सोनिया गांधी पर टिप्पणी

हालांकि रवनीत बिट्टू जब से कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए हैं। वे गांधी परिवार के खिलाफ बेहद आक्रामक हैं। जुलाई 2024 में बजट सत्र के दौरान रवनीत बिट्टू ने सोनिया गांधी पर निशाना साधा। दरअसल हुआ ये था कि पंजाब कांग्रेस के जालंधर से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी लोकसभा में बोल रहे थे, इस दौरान उन्होंने सरकारी संपत्तियों को बेचे जाने का मुद्दा उठाया। चन्नी ने कहा कि ये सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह है। इनमें और अंग्रेजों में कोई फर्क नहीं है। सिर्फ रंग का फर्क है। पहले सत्ता में काबिज हुए और अब उद्योगों पर अपने लोगों का कब्जा करा रहे हैं।

इस पर बिट्टू ने चन्नी पर कुछ टिप्पणी की। चन्नी ने पलटवार करते हुए कहा कि आपके दादाजी शहीद हुए थे। लेकिन मैं बता दूं कि वह उस दिन मरे, जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी थी। इस पर बिट्टू ने कहा कि चन्नी ने मेरा नाम लिया। मेरे दादा सरदार बेअंत सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दी थी, कांग्रेस के लिए नहीं। चन्नी वकालत करते हैं गरीबी की, लेकिन पूरे पंजाब में अगर ये सबसे अमीर और भ्रष्ट आदमी नहीं निकले तो मैं अपना नाम बदल लूंगा। ये गोरा किसको कह रहे हैं। पहले ये बताएं कि सोनिया गांधी कहां की हैं?

बिट्टू ने चन्नी पर आरोप लगाया कि ये हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। इन पर मी टू समेत कई अन्य आरोप भी लगे हैं। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हो गई। सदन में भारी हंगामा हुआ और दोनों तरफ के सांसद आगे बढ़े। एक तरफ से चरणजीत सिंह चन्नी तो दूसरी ओर से अमरिंदर राजा वरिंग ललकारते हुए वेल में आ गए… सामने से बिट्टू आगे बढ़े तो राजनाथ सिंह बीच में आए गए… भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले जनवरी 2021 में किसान आंदोलन के दौरान सिंघु बॉर्डर पर जन संसद कार्यक्रम के दौरान बड़ा विवाद हो गया था, जिसमें रवनीत बिट्टू पर भीड़ ने हमला कर दिया था। बिट्टू भाजपा के साथ आने के बाद बहुत मुखर हैं, लेकिन अमर्यादित टिप्पणियों ने कई विवादों को जन्म दिया है।

HISTORY

Written By

Nandlal Sharma

First published on: Sep 16, 2024 12:09 PM

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