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पंजाब

केंद्र के राहत पैकेज को पंजाब सरकार ने बताया ‘जुमला’, विधानसभा में किया जोरदार प्रदर्शन

पंजाब को बाढ़ राहत के नाम पर केंद्र सरकार से मिला वादा एक बार फिर खोखला साबित हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए ₹1600 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन यह वादा अभी तक अधूरा है. पंजाब के खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा है, जिसके खिलाफ शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने विधानसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Sep 28, 2025 15:10

पंजाब को बाढ़ राहत के नाम पर केंद्र सरकार से मिला वादा एक बार फिर खोखला साबित हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए ₹1600 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन यह वादा अभी तक अधूरा है. पंजाब के खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा है, जिसके खिलाफ शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने विधानसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

हाथों में प्लेकार्ड और नारेबाजी करते हुए विधायकों ने इसे पंजाब के साथ ‘धोखा’ बताया. विधायकों ने कहा, ‘हमें ₹20,000 करोड़ की जरूरत थी, लेकिन मिला ₹1600 करोड़ का ‘जुमला’, और उसमें से भी एक रुपया नहीं आया’.

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AAP ने केंद्र सरकार को दी चेतावनी!

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में एक ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार को कड़ी चेतावनी दी. सरकार ने साफ किया कि पंजाब अब केवल वादों से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि उसे वास्तविक राहत चाहिए.

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का पंजाब दौरा केवल “फोटो खिंचवाने” तक ही सीमित था.

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उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री उस परिवार को सांत्वना तक नहीं दे पाए जिसने बाढ़ में अपने तीन सदस्यों को खो दिया’. चीमा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि संकट के समय कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब का साथ देने के बजाय भाजपा का ही समर्थन किया.

पंजबा को केंद्र ने 1600 करोड़ का झुनझुना दिया

जल संसाधन मंत्री ब्रिंदर कुमार गोयल ने भी विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, ‘पंजाब ने ₹20,000 करोड़ की राहत मांगी थी, लेकिन केंद्र ने केवल ₹1,600 करोड़ का ‘झुनझुना’ थमा दिया. यह पंजाब के किसानों और बाढ़ पीड़ितों के साथ एक क्रूर मजाक है.’

उन्होंने बताया कि यह पैकेज प्रधानमंत्री ने 9 सितंबर को अपने दौरे के दौरान घोषित किया था, लेकिन अभी तक इसका कोई भी अंश जारी नहीं किया गया है.

गोयल ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब में हुई तबाही के असली पैमाने को समझना चाहिए और तुरंत कम से कम ₹20,000 करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर करना चाहिए. साथ ही, यह भी मांग की गई कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ₹1,600 करोड़ को तुरंत पंजाब आपदा राहत कोष में जारी किया जाए.

पंजाब अब खैरात नहीं मांगेगा…

₹1600 करोड़ ‘अपमान’ और ‘नाकाफी’,राज्य के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने इस वादे को “पंजाब का अपमान” बताया. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को नुकसान का विस्तृत ब्यौरा दिया था, जिसमें टूटी सड़कें, बर्बाद हुई फसलें (1.91 लाख हेक्टेयर), उजड़े घर और जमीनें शामिल थीं. इसके बावजूद, केंद्र ने केवल ₹1600 करोड़ का वादा किया, जो अभी तक सिर्फ कागजों में ही है.

यह भी पढ़ें- पंजाब सरकार का पर्यावरण सुरक्षा और रोजगार की ओर बड़ा कदम, जरूरतमंदों को बांटे ई-रिक्शा

सरकार ने स्पष्ट किया कि पंजाब की बर्बादी इतनी बड़ी है कि ₹1600 करोड़ बहुत मामूली है. किसानों को मुआवजा देने, बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और लोगों के जीवन को पटरी पर लाने के लिए राज्य को कम से कम ₹60,000 करोड़ की आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में विधानसभा से एक मजबूत संदेश गया है, ‘पंजाब अब खैरात नहीं मांगेगा, बल्कि अपने हक की लड़ाई लड़ेगा। यह केवल राहत का मामला नहीं, बल्कि पंजाब की इज्जत का सवाल है’.

First published on: Sep 28, 2025 03:10 PM

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