Punjab News: पंजाब हमेशा अपने किसानों और पशुधन के लिए एक मिसाल रहा है. इस बार बड़े बाढ़ और ‘गल-घोटू’ बीमारी के मुश्किल समय का सामना कर रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार ने न सिर्फ बाढ़ से प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई, बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तुरंत और बड़ी कार्रवाई करते हुए पशुओं की सुरक्षा भी पक्की की. बाढ़ के दौरान, सरकार ने इंसानों के साथ-साथ पशुओं को बचाने पर भी ध्यान दिया. ड्रोन और नावों की मदद से छतों और खेतों में फंसे पशुओं को ढूंढा गया और उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया. फाजिल्का समेत सभी प्रभावित जिलों में 5 लाख से ज्यादा पशुओं को बचाया गया और उनके लिए खाने-पीने और दूसरी जरूरी चीजों का भी इंतजाम किया गया.
गल-घोटू बीमारी रोकना बड़ी चुनौती
बाढ़ के बाद सबसे बड़ी चुनौती ‘गल-घोटू’ बीमारी को फैलने से रोकना था. पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि सरकार ने इसके खिलाफ तुरंत काम शुरू किया. सिर्फ एक हफ्ते में, 713 गांवों के 1.75 लाख से ज्यादा पशुओं को सफलतापूर्वक टीके लगाए गए. इस काम ने न सिर्फ पशुओं की सेहत को बचाया, बल्कि हजारों किसान परिवारों के भविष्य और उनकी कमाई के साधन को भी सुरक्षित किया. मंत्री खुड्डियां ने कहा कि यह टीकाकरण अभियान 14 सितंबर को शुरू हुआ था और यह बाढ़ के बाद राज्य की दोबारा बसाने की योजना का एक जरूरी हिस्सा है. इसके तहत, पंजाब की खेती-बाड़ी की रीढ़ माने जाने वाले पशुओं को बचाकर किसानों की रोजी-रोटी की रक्षा की जा रही है.
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इन जिलों में चल रहा अभियान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के पशु किसानों की कमाई का एक अहम हिस्सा हैं. उनकी सुरक्षा ही पंजाब की खेती-बाड़ी के भविष्य की सुरक्षा है. हमारी सरकार न सिर्फ लोगों के लिए, बल्कि हर जीव के लिए काम करती है. मोबाइल पशु चिकित्सा गाड़ियां, मुफ्त दवाएं और जागरूकता के कार्यक्रम चलाकर पशुओं की सेहत और सुरक्षा को पक्का किया जा रहा है. यह अभियान अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, मोगा, पठानकोट, रूपनगर और तरनतारन जैसे प्रभावित जिलों में तेजी से चल रहा है. पंजाब सरकार का मकसद सिर्फ मुसीबत के समय बचाना ही नहीं है, बल्कि एक ऐसा सिस्टम बनाना है जो भविष्य में किसी भी कुदरती आफत या बीमारी के असर को कम कर सके.
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