Chandigarh News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में कैबिनेट ने राज्य की अर्थव्यवस्था को तेज विकास की दिशा में ले जाने और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को कई अहम पहलकदमियों को मंजूरी दी. यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने पुराने मामलों का बोझ कम करने और उद्योगों तथा व्यापार के लिए नियमों के पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पंजाब वन टाइम सेटलमेंट स्कीम 2025 (ओटीएस) लाने की भी मंजूरी दे दी।
1 अक्टूबर से लागू होगी ओटीएस स्कीम
यह स्कीम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी और 12 दिसंबर 2025 तक रहेगी। जिन करदाताओं का मूल्यांकन 30 सितंबर 2025 तक किया गया है और जिनके मूल्यांकन आदेशों के सभी सुधार, संशोधन विभाग द्वारा 30 सितंबर 2025 तक संबंधित एक्टों जैसे कि पंजाब जनरल सेल्स टैक्स एक्ट, 1948, सेंट्रल सेल्स टैक्स एक्ट, 1956, पंजाब इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट, 2002, पंजाब वैट एक्ट, 2005, पंजाब एंटरटेनमेंट ड्यूटी एक्ट, 1955 और पंजाब एंटरटेनमेंट टैक्स सिनेमा शोज़ एक्ट, 1954 के तहत पारित किए गए हैं. वे इस स्कीम के अंतर्गत निपटारे के लिए आवेदन देने के योग्य होंगे. इस ओटीएस स्कीम के अंतर्गत, जिन मामलों में टैक्स राशि 1 करोड़ रुपये तक है. उन मामलों में ब्याज पर 100% छूट, जुर्माने पर 100% माफी और टैक्स राशि पर 50% छूट दी जाएगी. वहीं, 1 करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये तक की बकाया टैक्स राशि पर ब्याज और जुर्माने पर 100% छूट तथा टैक्स राशि पर 25% माफी दी जाएगी. 25 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स राशि वाले मामलों में ब्याज और जुर्माने पर 100% छूट और टैक्स राशि पर 10% माफी दी जाएगी.
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चावल मिल मालिकों के लिए ओटीएस को मंजूरी
कैबिनेट ने चावल मिलों के लिए वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) 2025 को भी मंजूरी दी, क्योंकि हर मिल मालिक को मिलिंग के समय के पूरा होने के बाद राज्यीय खरीद एजेंसी के साथ अपना खाता क्लियर करना होता है, ताकि उसे अगले साल कस्टम मिलिंग के लिए धान की अलॉटमेंट के लिए विचार किया जा सके. कई मिल मालिकों ने अपना बकाया जमा नहीं करवाया, जिसके कारण उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई. यह कार्रवाई पिछले कई वर्षों से विभिन्न अदालतों, लीगल फोरमों में लंबित थी. यह स्कीम सभी एजेंसियों के मामलों को न्यूनतम करने और इस नीति के तहत मामलों का निपटारा सुनिश्चित करने के लिए लाई गई है, ताकि ऐसी ‘अव्यवस्थित’ चावल मिलों को पुनः सक्रिय कर राज्य में रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकें. इससे खरीदी सीजन के दौरान मंडियों में धान की खरीद तेजी और सुचारू रूप से होगी और किसानों को लाभ मिलेगा.
प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट, 1995 में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंजाब अपार्टमेंट और प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट, 1995 की धारा 5(1), 5(3)(2) और धारा 5(8) में संशोधन करने की भी सहमति दी. इससे कॉलोनियों, क्षेत्रों का विकास सही और योजनाबद्ध ढंग से किया जा सकेगा. जिससे आम लोगों को आने वाली समस्याएं कम होंगी. इसके अलावा कैबिनेट ने करदाताओं की सुविधा और उनके द्वारा टैक्स पालन सुनिश्चित करने के लिए पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन बिल) 2025 में संशोधन करने की भी सहमति दी. उल्लेखनीय है कि वित्त एक्ट, 2025 ने जीएसटी काउंसिल की सिफारिश के अनुसार केंद्रीय गुड्स एंड सर्विसेज एक्ट, 2017 के उपबंधों में संशोधन किया है। पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज एक्ट, 2017 में भी इसी तरह के संशोधन किए जाने हैं. मंत्रिमंडल ने एनआईए के मुकदमों की सुनवाई में देरी से बचने के लिए एसएएस नगर, मोहाली में विशेष अदालत के गठन को भी मंजूरी दी. एनआईए एक्ट की धारा 22 के तहत मामलों की जांच के लिए मोहाली में एक्जीक्यूटिव विशेष अदालत के गठन के लिए जिला और सेशन जज, वरिष्ठ जिला और सेशन जज स्तर पर एक पद मोहाली में बनाया जाएगा.
पूर्व मंत्री धर्मसोत के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश
मंत्रिमंडल ने पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 197(1) (बी.एन.एस.एस. 2023 की धारा 218) और भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट 1988 की धारा 19, जैसे कि पीसी (संशोधन) एक्ट 2018 और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 197 के तहत संशोधन किए गए मामलों में मुकदमा चलाने की सिफारिश को हरी झंडी दी हैं. जो पंजाब के राज्यपाल को भेजी जाएगी.
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