---विज्ञापन---

पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला, पंजाबी भाषा की गहरी जानकारी रखने वालों को ही मिलेगी सरकारी नौकरी

चंडीगढ़: पंजाबी और पंजाबियत के महान मूल्यों को और मजबूत करने के उद्देश्य से ऐतिहासिक फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने बुधवार को पंजाब सिवल सर्विसेज (सेवाओं की आम और सांझी शर्तें) नियम-1994 के नियम-17 और पंजाब राज्य ( ग्रुप- डी) सेवा नियम-1963 में संशोधन करने की मंजूरी दे दी […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Nov 8, 2022 18:34
Share :
Punjab Cabinet

चंडीगढ़: पंजाबी और पंजाबियत के महान मूल्यों को और मजबूत करने के उद्देश्य से ऐतिहासिक फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने बुधवार को पंजाब सिवल सर्विसेज (सेवाओं की आम और सांझी शर्तें) नियम-1994 के नियम-17 और पंजाब राज्य ( ग्रुप- डी) सेवा नियम-1963 में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है जिसका मनोरथ पंजाब सरकार में सरकारी नौकरियों में ऐसे उम्मीदवारों की ही नियुक्ति होगी जो पंजाबी भाषा की गहरी जानकारी रखते हैं।

यह फैसला बुधवार को यहां पंजाब सिवल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया। इस संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री दफ़्तर के एक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब सिवल सर्विसज़ (सेवाओं की आम और सांझी शर्तें) नियम- 1994 के नियम 17 के मुताबिक की गई व्यवस्था के अनुसार तब तक ग्रुप-सी में किसी भी पद के लिए व्यक्ति नियुक्त नहीं किया जायेगा, जब तक कि वह मैट्रिक स्तर के बराबर पंजाबी भाषा की योग्यता परीक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ पास नहीं करता।

---विज्ञापन---

यह परीक्षा सम्बन्धित पद के लिए प्रतियोगी परीक्षा के इलावा भर्ती एजेंसियाँ द्वारा ली जायेगी। पंजाबी भाषा की परीक्षा लाज़िमी योग्यता परीक्षा होगी और पंजाबी भाषा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में असफल रहने पर उम्मीदवार को उनके पद के लिए दी परीक्षा में से आए अंक और अन्य नंबर हासिल करने के बावजूद चुने जाने वाले उम्मीदवारों को अंतिम मेरिट सूची में विचारे जाने के लिए अयोग्य कर दिया जायेगा।

इसी तरह पंजाब राज्य ( ग्रुप- डी) सेवा नियम- 1963 के नियम 5 की धारा डी में संशोधन करने की मंज़ूरी दे दी है। इसके मुताबिक की गई व्यवस्था अनुसार कोई भी व्यक्ति सेवा में किसी भी पद के लिए तब तक नियुक्त नहीं होगा, जब तक वह मिडल के स्तर के बराबर पंजाबी भाषा की योग्यता परीक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ पास नहीं करता।

---विज्ञापन---

यह परीक्षा सम्बन्धित पद के लिए मुकाबले की परीक्षा के इलावा भर्ती एजेंसियों के द्वारा ली जायेगी। पंजाबी भाषा की परीक्षा लाजमी योग्यता परीक्षा होगी और पंजाबी भाषा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में असफल रहने पर उम्मीदवार को उसके पद के लिए दी परीक्षा में से आए अंक और अन्य नंबर हासिल करने के बावजूद चुने जाने वाले उम्मीदवारों को अंतिम मेरिट सूची में विचारे जाने के लिए अयोग्य कर दिया जायेगा।

ग़ैर-कानूनी माइनिंग करने वालों का जुर्माना बढ़ाने के लिए पंजाब माइनर मिनरलज़ रूल 2013 में संशोधन
राज्य में ग़ैर-कानूनी माइनिंग को रोकने के लिए कैबिनेट ने पंजाब माइनर मिनरलज़ रूल्ज 2013 के नियम 7.5 में संशोधन करने को मंजूरी दे दी, जिसके अंतर्गत जुर्माना पाँच हज़ार और 25 हज़ार की सीमा से बढ़ा कर 50 हज़ार और 2.5 लाख तक कर दिया गया है।

इस सम्बन्धी फ़ैसला इस बात के मद्देनज़र लिया गया है कि ग़ैर-कानूनी माइनिंग में लगे लोग जुर्माने से डरें। जुर्माने की मौजूदा दरें बहुत कम थीं और यह काफी समय पहले लागू की गई थीं। मौजूदा दरें पांच हज़ार से लेकर 25 हज़ार रुपए थीं, जो कि काफी कम थीं। इसलिए कैबिनेट ने यह दरें दस गुणा बढ़ाने का फ़ैसला किया है, जिसके अंतर्गत अब ढुलाई और अन्य छोटे वाहनों, ट्रक और मल्टी ऐकसल ट्रक या अन्य वाहनों के हिसाब से यह दरें 50 हज़ार से लेकर 2.50 लाख रुपए तक होंगी।

‘पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्किटस एक्ट-1961’ में संशोधन को मंजूरी

राज्य में वित्तीय खर्चों में कटौती और प्रशासनिक बोझ घटाने के लिए कैबिनेट ने पंजाब मंडी बोर्ड के वाइस चेयरमैन और सीनियर वाइस चेयरमैन के पद ख़त्म करने के लिए ‘पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्किटस एक्ट, 1961’ की धारा 3(1) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। वाइस चेयरमैन और सीनियर वाइस चेयरमैन के पदों की सृजन करना क्रमवार 2010 और 2016 में की गई थी।

सहायक कमिशनर (शिकायत) के पद ख़त्म करके मुख्यमंत्री फील्ड अफसरों के 23 पद सृजन करने का फ़ैसला
शिकायत निवारण प्रणाली के कायाकल्प करने के लिए पंजाब कैबिनेट ने सहायक कमिशनर (शिकायत) के 23 पद ख़त्म करके ज़िला स्तर पर इतनी ही संख्या में मुख्यमंत्री फील्ड अफसरों के पद सृजित करने का फ़ैसला किया है।

इस अहम फ़ैसले से राज्य निवासियों को ऐसा प्लेटफार्म मिलेगा, जिसके द्वारा वह अपनी शिकायतों का विश्लेषण करवाने के बाद पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से निर्णय करवा सकेंगे। जिलों में डिप्टी कमिशनर इन मुख्यमंत्री फील्ड अफसरों के काम की बाकायदा निगरानी रखेंगे और वह शिकायतों के प्रभावशाली ढंग से निपटारे के लिए अपेक्षित सहायता भी मुहैया करेंगे।

PSEB के मृतक मुलाजिमों के वारिसों को तरस के आधार पर नौकरी देने की स्कीम मंजूर

मंत्रीमंडल ने पंजाब राज्य बिजली बोर्ड जो अब पंजाब स्टेट पावर कोरपरेशन लिमटिड ( पी. एस. पी. सी. एल.) है, के 16 अप्रैल, 2010 से पहले के मृतक कर्मचारियों/ अधिकारियों के वारिसों जो पहले मुआवज़ा नीति के घेरे में आते थे, को तरस के आधार पर नौकरी देने के लिए स्कीम को मंजूरी दे दी है।

इस फैसले के अनुसार तरस के आधार पर नौकरी संभावित तौर पर सिर्फ़ उन मामलों पर लागू होगी जहाँ मृतक कर्मचारी की मौत की तारीख़ 04 अप्रैल, 2010 से पहले थी और जिनको पहले मुआवज़ा नीति के अधीन विचारा गया था। इनमें वह केस भी शामिल हैं, जिनमें मुलाज़िम की मौत की तारीख़ साल 2002 ( वह साल जिसमें तरस के आधार नियुक्ति सम्बन्धी नीति को बंद कर दिया गया था) से पहले थी।

तरस के आधार पर नौकरी की इजाजत देने वाली यह स्कीम वैकल्पिक/ऑपशनल है। जो वारिस इस स्कीम के अंतर्गत तरस के आधार पर नौकरी नहीं लेना चाहते, उनको मुआवज़ा पालिसी के अंतर्गत पहले से ही प्राप्त किये गए लाभ या विशेष पैंशन के लाभ बरकरार रखने की इजाज़त दी जायेगी।

HISTORY

Written By

Yashodhan Sharma

First published on: Nov 08, 2022 06:34 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें