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पंजाब बन रहा देश के लिए ‘एंटी-बेगिंग’ मॉडल, 367 बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का उजाला

Punjab News: पंजाब के बच्चे आज किताबों, सपनों और सम्मान के साथ आगे बढ़ रहे हैं. यह बदलाव मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच और "प्रोजेक्ट जीवनज्योत" की वजह से संभव हुआ है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : sachin ahlawat Updated: Sep 19, 2025 19:54
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कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर

Punjab News: पंजाब के बच्चे आज किताबों, सपनों और सम्मान के साथ आगे बढ़ रहे हैं. यह बदलाव मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच और “प्रोजेक्ट जीवनज्योत” की वजह से संभव हुआ है. जो ‘रंगला पंजाब’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. पंजाब सरकार ने जुलाई 2024 में इस ऐतिहासिक परियोजना की शुरुआत की थी. इसका पहला चरण जून 2025 तक चला. इस दौरान 753 छापेमारी अभियान चलाए गए और 367 बच्चों को भीख मांगने की स्थिति से बाहर निकाला गया. इनमें से 350 बच्चों को उनके माता-पिता के पास सुरक्षित लौटाया गया और 17 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया. इसके अलावा लगभग 183 बच्चों को स्कूलों में दाखिला मिला, 30 को प्रायोजन योजना से जोड़ा गया और 8 छोटे बच्चों को आंगनवाड़ी भेजा गया. यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि सरकार ने सिर्फ तात्कालिक राहत नहीं दी, बल्कि बच्चों को स्थायी रूप से समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का बड़ा कदम उठाया.

जुलाई 2025 में प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0

पहले चरण की सफलता के बाद, जुलाई 2025 को “प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0” शुरू किया गया। सिर्फ एक महीने के भीतर, 25 अगस्त 2025 तक, 523 छापे मारे गए और 279 बच्चों को बचाया गया। इनमें से 137 बच्चों को उसी दिन परिवारों के पास भेजा गया, जबकि 142 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया. इस बार 15 बच्चों के डीएनए सैंपल भी लिए गए, ताकि उनकी सही पहचान सुनिश्चित की जा सके. इस नीति का सबसे बड़ा पहलू यह है कि पंजाब सरकार ने समस्या की जड़ को भी पहचाना गरीबी, नशा और दूसरे राज्यों से लाकर बच्चों का शोषण. इन परिवारों को रोजगार योजनाओं, पोषण कार्यक्रमों और शिक्षा से जोड़कर न सिर्फ बच्चों को नया जीवन दिया जा रहा है बल्कि पूरे परिवार को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. यह केवल बचाव नहीं, बल्कि एक 360-डिग्री मॉडल है. जिसमें बचाव, पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना शामिल है.

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बच्चों का बचपन सड़कों पर नहीं, स्कूलों में होना चाहिए

अब पंजाब सरकार ने त्योहारों और बड़े आयोजनों पर भी सख्त कदम उठाने शुरू किए हैं. कपूरथला में होने वाले वार्षिक जोड़ मेले के लिए विशेष बचाव दल तैनात किए गए हैं. जो लगातार ड्यूटी पर रहेंगे, ताकि कोई बच्चा भीख मांगने के लिए मजबूर न हो. सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा है कि “बच्चों का बचपन सड़कों पर नहीं, स्कूलों में होना चाहिए. प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0 हमारे सपनों के पंजाब की ओर बड़ा कदम है’. अब तक 311 बच्चों को पुनर्वासित किया गया है और उन्हें शिक्षा, पोषण, काउंसलिंग और सामाजिक समर्थन के साथ मुख्यधारा से जोड़ा गया है. इस सफलता के पीछे जनता का सहयोग भी बहुत बड़ा है, क्योंकि लोग अब चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर भीख मांगते बच्चों की सूचना दे रहे हैं.

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देश के लिए आदर्श मॉडल पेश करेगा पंजाब

इसके साथ ही पंजाब सरकार बच्चों को भीख मांगने से रोकने के लिए एक नई और बेहतर कानूनी व्यवस्था लागू करने जा रही है. जो पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल पेश करेगा. यह कानून बच्चों का शोषण करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगा और हर बच्चे को शिक्षा, इलाज और सम्मान का अधिकार दिलाएगा. पंजाब सरकार का यह प्रयास न सिर्फ बच्चों को भीख मांगने से रोक रहा है, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल पेश कर रहा है. यह दिखाता है कि सही नीतियां, जन सहयोग और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति मिलकर समाज में असली बदलाव ला सकती हैं.

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First published on: Sep 19, 2025 07:54 PM

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