Partap Singh Bajwa Files FIR: पंजाब से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। अपनी FIR में बाजवा ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ जालसाजी करने, प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही प्रताप बाजवा ने दावा किया है कि इस मामले की जांच पूरी होने के बाद AAP के कई प्रतिष्ठित नेताओं के नाम भी इस FIR में शामिल किए जाएंगे।
आखिर क्या है मामला?
मालूम हो कि पंजाब के नेता प्रतिपक्ष ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ 7 जुलाई को शिकायत पुलिस के पास दी थी। इसमें उन्होंने पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले बिना सर्च वारंट विजिलेंस टीम ने विधायक गनीव कौर मजीठिया के घर में जबरन घुसकर निजी सामान की तलाशी ली थी। तब उन्होंने विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। AAP के सोशल मीडिया हैंडल ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह से बना दिया, मानो नेता प्रतिपक्ष बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के पक्ष में बयान दे रहे हों।
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— Rozana Spokesman (@RozanaSpokesman) July 11, 2025
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प्रताप बाजवा का आरोप है कि AAP के सोशल मीडिया हैंडल ने उनके बयान में से विधायक गनीव कौर मजीठिया का नाम हटाकर अकेला मजीठिया का नाम सोशल मीडिया पर दिखाया। इससे AAP राजनीतिक साजिश करते हुए उनकी राजनीतिक छवि को खराब करने की कोशिश कर रही थी।
क्या बोले प्रताप बाजवा?
मीडिया से बात करते हुए प्रताप बाजवा ने कहा कि फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस ने FIR नंबर 77 दर्ज किया है। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, पुलिस AAP के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का नाम भी इस FIR में दर्ज कर सकती है। इसके साथ ही जिन टीवी या सोशल मीडिया चैनलों ने AAP की तरफ से एडिट की गई वीडियो को सोशल मीडिया या टीवी चैनलों पर चलाया है। उन्हें भी जांच के दायरे में रखा गया है।
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बदनाम करने की साजिश
प्रताप बाजवा ने कहा कि विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष होने के कारण उन्होंने अपने हाउस की साथी विधायक गनीव कौर मजीठिया के घर पर विजिलेंस की दबिश के तरीके पर सवाल उठाए, लेकिन उनके बयानों के मायने बदलकर उल्टा उन्हें बदनाम करने की साजिश की गई, जिसे अब उन्होंने पुलिस के पास शिकायत के रूप में दर्ज करवा दिया है। बाजवा ने कहा कि अगर वह चंडीगढ़ की सीमा के बजाए पंजाब के किसी अन्य जिले में रह रहे होते, तो शायद पुलिस उनकी शिकायत पर कभी कोई मामला दर्ज नहीं करती, लेकिन चंडीगढ़ में उनका निजी और सरकारी घर होने के कारण उनकी शिकायत चंडीगढ़ पुलिस के पास ही की जानी थी। यही कारण है कि चंडीगढ़ पुलिस ने शिकायत के साथ दिए सबूतों पर मामला दर्ज करने में समय नहीं लिया।