चंडीगढ़: पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बुधवार को मोहाली जिले के माजरी ब्लॉक के गांव फतेहगढ़ की 176 एकड़ पंचायती ज़मीन नाजायज कब्ज़े से मुक्त करवाई है। इस ज़मीन की बाजारी कीमत 264 करोड़ रुपए बनती है। इस ज़मीन पर 9 लोगों ने कब्ज़ा किया हुआ था।
’31 मई तक खुद कब्जा छोड़ सकते हैं लोग’- मंत्री धालीवाल
उन्होंने कहा कि सरकारी पंचायती ज़मीनों पर जिन लोगों ने नाजायज कब्ज़ा किया हुआ है, वह अभी भी 31 मई तक खुद ज़मीन से अपना कब्ज़ा छोड़ सकते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही कह चुके हैं कि नाजायज कब्जों से ज़मीनों को मुक्त करवाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है और जिन रसूखवान लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर महंगी सरकारी ज़मीनों पर नाजायज कब्ज़े किये हैं, उनको बक्शा नहीं जायेगा।
10 जून तक 6000 एकड़ जमीन मुक्त करवाने का लक्ष्य- मंत्री धालीवाल
दूसरे पड़ाव में अब तक 761 एकड़ सरकारी ज़मीन कब्ज़े से मुक्त करवाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 10 जून तक 6000 एकड़ ज़मीन खाली करवाने का लक्ष्य है। धालीवाल ने कहा कि पिछले साल भी 9030 एकड़ ज़मीन कब्ज़ा मुक्त करवाई गई थी जिसकी औसतन बाजारी कीमत 2709 करोड़ रुपए के करीब बनती है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि ख़ुद आगे आकर सरकारी ज़मीन से नाजायज कब्ज़े छोड़े जाएं जिससे इस ज़मीन से इकट्ठा होता राजस्व पंजाब की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह ज़मीन किसी की पैतृक जायदाद नहीं है बल्कि यह सभी पंजाब की सांझा ज़मीन है और इस ज़मीन से होती आय सभी राज्य निवासियों के लिए ख़र्च की जानी है।
धालीवाल ने कहा कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री भगवंत मान की अपील पर 3396 एकड़ ज़मीन लोगों ने ख़ुद छोड़ दी थी।उन्होंने प्रत्येक को यह विनती भी की है कि पंजाब की भलाई के लिए और राज्य को रंगला पंजाब बनाने के लिए नाजायज कब्ज़ाकार ख़ुद आगे आकर यह ज़मीनें पंजाब सरकार के हवाले करें।