Jalandhar Fire Accident: मेरे परिवार नू किसे दी नजर लग गई। काश आग लगने के दौरान वह भी घर के अंदर होती, मेरे तो बुढ़ापे की लाठी टूट गई, अब किसके सहारे जिऊं ये कहना है पंजाब के जालंधर के अग्निकांड में अकेली जिंदा बची बलवीर का। इस हादसे में नेता यशपाल सहित उनकी बहू (रूची), पोतियां (मनीषा और दिया), पोता (अक्षय) और बेटा (इंद्रपाल) सभी की मौत हो गई। अब इस परिवार में सिर्फ यशपाल की पत्नी बलवीर ही जिंदा बची है। जिनका हादसे के बाद से ही रो- रोकर बुरा हाल है। कई बार तो वो रोते- रोते बेहोश तक हो गई है। इलाके के लोग लगातार बलवीर को दिलासा दे रहे हैं।
बलवीर का विलाप
अपने पूरे परिवार की मौत का विलाप कर रही बलवीर बार- बार कह रही हैं कि ‘मेरे परिवार नू किसे दी नजर लग गई। काश आग लगने के दौरान वह भी घर के अंदर होती।’ जानकारी के अनुसार, जिस समय घर में आग लगी थी उस दौरान बलवीर घर से बाहर गली में टहलने के लिए गई थी, जिस वजह से वो इस हादसे का शिकार नहीं हो पाई। जब उनके घर में आग लगी तो वो घर के बाहर ही लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी। पड़ोस के लोगों का कहना है कि हादसे के बाद से बलवीर न सही से कुछ खा रही हैं और न ही कुछ ज्यादा कह रही है। वो पूरा दिन बस रोती रहती है।
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आग लगने का कारण
वहीं, इस मामले की जांच कर रहे ADCP सिटी-2 आदित्य बताया कि घर में आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। इसके लिए घर से मिले जले हुए सामानों को मोहाली के फॉरैंसिक साइंस लैब में भेजा जा रहा है। सामान को लेकर लैब रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा कि आखिर घर में आग लगी कैसे। उन्होंने आगे कहा कि मामले की पहली जांच में ये पता चला कि घर में ये आग गैस सिलैंडर या फ्रिज के कम्प्रैशर के फटने की वजह से नहीं लगी थी। आशंका जताई जा रही है कि शायद बिजली के शार्ट-सर्किट की वजह से घर में आग लगी है।