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पंजाब

डेरा प्रमुख की मुलाकात ने मजीठिया को दी नई ऊंचाई, पंजाब में नए राजनीतिक समीकरणों पर छिड़ी बहस

डेरा ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को उनके अनुयायी किसी साधारण धार्मिक गुरु की तरह नहीं बल्कि भगवान तुल्य मानते हैं। उनके हर कदम को श्रद्धालु गहरी आस्था और मार्गदर्शन के रूप में लेते हैं।

Author Written By: vishal.angrish Author Published By : Amit Kasana Updated: Sep 25, 2025 09:47

पूर्व डेरा ब्यास प्रमुख ने नाभा जेल में बिक्रम सिंह मजीठिया से मुलाकात कर पंजाब की राजनीति में नए समीकरणों पर एक बार फिर से नई बहस छेड़कर भूचाल ला दिया है। इस मुलाकात ने न केवल मजीठिया की लोकप्रियता को नई उड़ान दी है बल्कि डेरा ब्यास के लाखों अनुयायियों के बीच एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी भेजा है।

डेरा ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को उनके अनुयायी किसी साधारण धार्मिक गुरु की तरह नहीं बल्कि भगवान तुल्य मानते हैं। उनके हर कदम को श्रद्धालु गहरी आस्था और मार्गदर्शन के रूप में लेते हैं। ऐसे में बाबा जी का नाभा जेल जाकर मजीठिया से मिलना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस मुलाकात से अकाली दल को राज्य भर में अप्रत्याशित राजनीतिक लाभ मिल सकता है।

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मजीठिया पहले से ही पंजाब की राजनीति में एक मजबूत और कद्दावर नेता माने जाते हैं। हालांकि, कानूनी मुश्किलों के चलते वे इन दिनों जेल की सलाखों के पीछे हैं। इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता लगातार बनी हुई है। अब बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से हुई यह मुलाकात मजीठिया की छवि को और मजबूती देती दिखाई दे रही है।

मुलाकात का संदेश डेरा ब्यास के अनुयायियों तक जिस तेजी से पहुंचा है, उसने पंजाब के राजनीतिक समीकरणों में हलचल पैदा कर दी है। डेरा ब्यास के अनुयायी केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी रखते हैं। पंजाब भर में चुनाव परिणामों पर डेरा अनुयायियों की भूमिका अहम होती है। यही वजह है कि इस मुलाकात को पंजाब में आने वाले विधानसभा चुनावों और उपचुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।

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दिलचस्प है कि इस मुलाकात के तुरंत बाद ही यह खबरें भी सामने आने लगीं हैं कि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसी माह डेरा ब्यास पहुंचने वाली हैं। इस चर्चा ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। डेरा ब्यास में राष्ट्रपति का तीन दिवसीय संभावित दौरा धार्मिक श्रद्धा का हिस्सा है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे पंजाब के बदलते समीकरणों की पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि डेरा ब्यास प्रमुख और मजीठिया की मुलाकात केवल एक साधारण भेंट नहीं थी, बल्कि इसके पीछे गहरे संदेश छिपे हैं। इससे अकाली दल और बिक्रम सिंह मजीठिया को नई ऊर्जा मिल सकती है, जिससे कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।

जानकारों का मानना है कि बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की बिक्रम मजीठिया से नाभा जेल में 23 सितंबर को हुई मुलाकात पंजाब की राजनीति में आने वाले बड़े बदलावों की आहट है। डेरा ब्यास की भूमिका, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संभावित दौरा और मजीठिया की बढ़ती लोकप्रियता, ये सभी संकेत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले समय में पंजाब का राजनीतिक परिदृश्य और भी रोचक और जटिल होने वाला है।

First published on: Sep 25, 2025 09:46 AM

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