CM Bhagwant Mann Ask Question to Central Govt: हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर हर साल गणतंत्र दिवस परेड होती है और राज्यों की झांकी दिखाई जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा, लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी नहीं दिखाई देगी। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब की झांकी को बाहर कर दिया गया है। इससे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान काफी निराश हुए हैं। उन्होंने अपनी नराजगी खुले तौर पर जाहिर की और केंद्र सरकार से CM मान का सवाल पूछा कि पंजाब के साथ यह भेदभाव क्यों किया गया।
Disheartened to witness the exclusion of Punjab’s tableau from the Republic Day parade. Are we erasing the rich tapestry of our diverse history? This decision deserves scrutiny. Is it now a parade of select narratives, leaving the sacrifices of our heroes in the shadows? https://t.co/iAmNM8p3Wr
— Anmol Gagan Maan (@AnmolGaganMann) December 27, 2023
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केंद्र सरकार की तरफ से मिली चिट्ठी
सीएम मान ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड से पंजाब की झांकी को बाहर किए जाने से वो काफी निराश हुए है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ये फैसला जांच करने योग्य है। हमारे हीरो के बलिदान की छाया में छोड़ रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें आज केंद्र सरकार की तरफ से एक चिट्ठी मिली, जिसमे लिखा था कि पंजाब की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड से बाहर की जाती है। पता नहीं क्यों केंद्र सरकार ने पंजाब के साथ ये भेदभाव किया।
ये थी पंजाब की झांकी को लेकर प्लानिंग
सीएम मान कहा कि हर साल 26 जनवरी को दिल्ली लाल किले पर कोई ना कोई मुख्य मेहमान आता है जैसे कि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति आ रहे हैं। वहां पर हर राज्य की झांकी निकलती है और हर स्टेट अपना विरसा, कल्चर और शहादते दिखती है पिछले साल 26 जनवरी को पंजाब की झांकी नहीं थी जिसे हमने केंद्र सरकार के पास कड़ा एतराज भी किया था। केंद्र सरकार ने इस बार हमें चिट्ठी डालकर पूछा कि क्या आप 26 जनवरी को पंजाब की झांकी दिखाने की इच्छा प्रकट करते हैं। फिर हमने 4-8-2023 को केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी कि हम अकेले इस बार नहीं बल्कि 24,25 और 26 में भी पंजाब की झांकी दिखाने की इच्छा प्रकट करते हैं। फिर उन्होंने पूछा कि हमें कोई तीन झांकियां दिखाएं जो आप लाल किले पर पंजाब की तरफ से दिखाएंगे फिर हमने उनको तीन झांकियां के अलग-अलग डिजाइन हमारे अफसर उनके पास लेकर गए।
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भाजपा की सरकार वाले राज्य शामिल
केंद्र सरकार के साथ हमने तीन मीटिंग में करी और तीन मीटिंगों में हमने उनको अपनी झांकियों के मॉडल दिखाएं। पिछली 26 जनवरी को भी हमारी झांकी मिस हो गई थी जिसका हमें बहुत दुख हुआ था और 26 तारीख को लिखी हुई एक चिट्ठी आज हमारे पास पहुंची है। उन्होंने चिट्ठी में 20 सिलेक्टेड राज्य के बारे में हमें बताया जिसमें ना ही पंजाब है और ना ही दिल्ली और इनमें 90% वह राज्य हैं जिनमें भाजपा की सरकार है और अब 26 जनवरी और 15 अगस्त का भी इन्होंने भाजपा करण कर दिया।
पंजाब की झांकियां बाहर क्यों?
पिछली बार भी 26 जनवरी पर हमारी कोई झांकी नहीं थी और इस बार भी नहीं है यह हमारे साथ मजाक करते हैं देश को आजादी हम लोगों ने लेकर दी और हमें ही 15 अगस्त और 26 जनवरी की झांकियां में से बाहर कर रहे हैं कि तुम्हारी कोई जरूरत नहीं। पंजाब की तो छोड़ो अगर यह अंडमान निकोबार की भी झांकी निकले तो उसमें भी पंजाबी जरूर होंगे क्योंकि पंजाबियों ने आजादी के लिए सबसे ज्यादा काले पानी की सजा भुगती है।
यहां भी राजनीतिकरण
यह एक बता दें कि इन झांकियां में क्या कहीं भी हमारी पार्टी का चिन्ह है या फिर हमने इनका कोई राजनीतिकरण किया है यह झाकियों में सिर्फ हमारे शहीदों और पंजाब के विरसा है। मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह सुनील जाखड़ मनजिंदर सिरसा और RP सिंह जो इनके बोलने के लिए रखे हुए हैं उनकाे कहना चाहता हूं कि पंजाब के RDF के साढे 5000 करोड़ इन्होंने रोक लिए NHM का पैसा इन्होंने रोका।