चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा, ‘देश में लोकतंत्र के कत्ल के लिए भाजपा की समूची लीडरशिप जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवा पार्टी ने गैर-लोकतांत्रिक ढंग से विरोधी पक्षों की आवाज को दबा कर लोकतंत्र की मूल भावना को गहरी चोट पहुंचाई है।
लोकतंत्र की मर्यादा को क्षति
सीएम ने आगे कहा कि इन नेताओं ने देश में लोकतंत्र की मर्यादा को अपूरर्णीय क्षति पहुंचाई है, जो समूचे देश और यहां के लोगों के लिए बहुत घातक है। भगवंत मान ने कहा, “यदि भारत के संविधान में ऐसे अक्षम्य अपराध के लिए कोई सज़ा की व्यवस्था होती तो भाजपा की समूची लीडरशिप फांसी के फंदे पर लटकी होनी थी।
भारतीय संविधान में आस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि गलत और संकुचित सोच वाले इन नेताओं ने लोकतंत्रीय मूल्यों का नुकसान करके भारतीय संविधान के सरप्रस्तों विशेषकर बाबा साहेब डा. बी. आर. अम्बेडकर का घोर निरादर किया है। उन्होंने कहा कि इससे देश के लोकतंत्रीय ढांचे और भारतीय संविधान में अटूट आस्था रखने वाले हर देश निवासी के मन को गहरी ठेस पहुंची है। भगवंत मान ने कहा कि देश के लोग भाजपा को इस घिनौनी हरकत के लिए कभी भी माफ नहीं करेंगे और उनको मुंह-तोड़ जवाब देंगे।
चुने हुए नुमाइदों पर जबरन धौंस
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “यदि देश को एक प्रधानमंत्री और 30-31 राज्यपालों ने ही चलाना है तो चुनाव प्रक्रिया पर करोड़ों रुपए ख़र्च करने की क्या ज़रूरत रह जाती है। “उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोग सर्वोच्च होते हैं और सरकार उनके द्वारा चुने गए लोगों के द्वारा चलाई जाती है। परन्तु अफ़सोस की बात है कि भाजपा के नादरशाही निज़ाम के दौरान केंद्र के कुछ चुने हुए व्यक्ति राज्यों के मामलों में अनावश्यक दखलअंदाजी कर रहे हैं, जो असहनीय है। भगवंत मान ने कहा कि भाजपा लोगों की तरफ से चुने हुए नुमाइदों पर जबरन धौंस जमाने के लिए इन चुनिंदा व्यक्तियों को संरक्षण दे रही है, जोकि लोकतंत्र के लिए बहुत घातक और ग़ैर-वाजिब है।