नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब को लेकर बरसों से एक कहावत है, ‘जेहड़ा जम्मेआ, कनैडा च पक्का’, लेकिन फिलहाल यह सही-सही साबित नहीं हो पा रही। एक ओर भारत के करीब 700 विद्यार्थियों पर पहले से ही स्वदेश वापसी का खतरा मंडरा रहा है, वहीं हाल ही में कनाडा जाने की चाह रखते भारतीय छात्रों को एक और जोर का झटका लगा है। वहां भारतीय स्टूडंट्स के दाखिले पर फिलहाल तलवार लटक गई है। खास बात यह भी है कि इनमें से ज्यादातर छात्र पंजाब से हैं। हालांकि कनाडा सरकार के इस फैसले पर कनाडा के वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन ने आपत्ति दर्ज करा दी है। संगठन की तरफ से ओंटारियो के नॉर्दर्न कॉलेज को लिखी एक चिट्ठी में कहा गया है कि सैकड़ों छात्रों का दाखिला अचानक वापस लेने का फैसला सही नहीं है।
इस बात में कोई दो राय नहीं कि पिछले कुछ दिनों से कनाडा से भारतीय विद्यार्थियों को वतन वापस भेजे जाने के मामले का विरोध लगातार जारी है। असल में दस्तावेज जाली पाए जाने की वजह से स्टडी वीजा पर कनाडा गए भारत के करीब 700 विद्यार्थियों पर स्वदेश वापसी की संभावना बरकरार है। परेशान विद्यार्थियों का कहना है कि उनका क्या कसूर है, धोखाधड़ी तो एजेंटों ने की है। इनके समर्थन में उतरे पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बीते दिनों ही भारत के हाई कमीश्नर (ओटावा, ओंटार्यो) संजे कुमार वर्मा और कनाडा के हाई कमिश्नर (दक्षिणी पश्चिमी, दिल्ली) कैमरन मैके को पत्र लिखकर कनाडा से वापसी का सामना कर रहे इन स्टूडेंट्स के मसले को हल करने की अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि जब तक सभी स्टूडेंट्स का मसला हल नहीं हो जाता वह हर तरह के प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने कनाडा के पंजाबी मूल के सभी सांसदों का भी धन्यवाद किया जो इन स्टूडेंट्स की सहायता के लिए आगे आए हैं। धालीवाल ने कहा कि मैंने पंजाबी मूल के सभी कैनेडियन सांसदों को भी पत्र लिखकर अपील की थी कि इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वह पहलकदमी करें। धालीवाल ने उम्मीद व्यक्त कि बाकी विद्यार्थीयों का मसला भी जल्द ही हल हो जाएगा।
इसी बीच कनाडा में सैकड़ों भारतीय छात्रों को सितंबर में शुरू हुए सत्र में भाग लेने से अचानक रोक दिया गया। मुख्य रूप से ओंटारियो के नॉर्दर्न कॉलेज ने सितंबर सत्र के लिए छात्रों को लेने से इनकार कर दिए जाने के बाद परेशान करीब 3 हजार विद्यार्थियों में से ज्यादातर पंजाबी से हैं। करीब तीन हजार छात्रों ने कनाडा जाने की पूरी तैयारी कर ली थी और कनाडा जाने के लिए एक तरफ के हवाई टिकट भी खरीद लिए थे, जो अब नॉन रिफंडेबल हैं।
इस मामले को कनाडा के कुछ सिख संगठनों ने भी उठाया है और छात्रों के माता-पिता भी कॉलेज को ईमेल कर सितंबर में पढ़ाई शुरू करने के लिए कह रहे हैं। इस मामले में ओंटारियो की कॉलेज और यूनिवर्सिटी मंत्री जेन डनलप को भी पत्र लिखा गया है। छात्रों की परेशानी को देखते हुए कनाडा के वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन ने नॉर्दर्न कॉलेज को पत्र लिखकर कहा है कि अचानक सैकड़ों छात्रों का एडमिशन वापस लेने का फैसला सही नहीं है। छात्रों को अगस्त की शुरुआत में प्रवेश रद्द करने के बारे में ई-मेल मिलना शुरू हो गए, भले ही उन्होंने अगस्त की तारीखों के लिए महंगे हवाई टिकट खरीदे थे।