पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी, लेकिन अब एक बार फिर उनके भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने की चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि उन्होंने इस सिलसिले में कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी से भी मुलाकात की है, लेकिन कैप्टन ने इन दोनों बातों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने सोनिया से मुलाकात की बात को नकारते हुए उनसे मीटिंग के मुद्दे की सच्चाई प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताई।
भाजपा के प्रति दिल से प्रतिबद्धता जताई
2 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं कि एक बार जो फैसला ले लिया, उससे मैं पीछे नहीं हटता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह और भाजपा के प्रति पूर्ण रूप से दिल से प्रतिबद्ध हूं। एक बार अगर भाजपा में रहने का फैसला कर लिया तो कर लिया। पार्टी के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और अपने कहे से कभी पीछे नहीं हटूंगा। राजनीति में इस मुकाम पर पहुंचकर पीछे मुड़कर देखने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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2021 में कांग्रेस ने हटाया था CM पद से
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने CM पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस छोडढ़ दी थी। उनकी कांग्रेस में रहते हुए नवजोत सिद्धू से अंदरुनी जंग चलती रहती थी। उस समय कांग्रेस हाईकमान सिद्धू के साथ थी तो उन्होंने कैप्टन को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया। 20 सितंबर 2021 को कैप्ट ने पद छोड़ा तो कांग्रेस ने सिद्धू के कहने पर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। इन सभी के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा जॉइन कर ली।
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पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय किया
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने के बाद पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी खुद की पार्टी बनाई और राजनेताओं को अपनी ताकत का एहसास किया। कैप्टन की पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 लड़ा, लेकिन वह खुद और उनके सारे उम्मीदवार हार गए। इस बीच भाजपा ने कैप्टन को ऑफर किया और उन्होंने भाजपा में अपनी पार्टी का विलय कर लिया। खुद भी भाजपा जॉइन कर ली। अब अचानक फिर से कांग्रेस में जाने की बात उठी, जिस पर उन्होंने विराम लगा दिया।